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नहरें बेपानी, कैसे हो किसानी, अभी तक नही पड़ा बेहन

 



रतसर (बलिया) इन दिनों खरीफ की खेती का मौसम चल रहा है लेकिन नहर में पानी न आने से किसान चिंतित एवं परेशान है। किसान अपने खेतों में किसी तरह से बेहन तो डाल दिया लेकिन अब समझ में नही आ रहा है कि खेतों में रोपाई कैसे करे। कुछ किसान छिटकर ही धान की बुवाई करने पर मजबूर है ऐसे में सबसे बड़ी समस्या किसानों के समक्ष सुखी नहरे बनी हुई है। क्योंकि किसी भी नहर में इन दिनों पानी नही है। पानी के अभाव में धान की खेती करना किसानों के लिए जटिल समस्या बन गई है। किसानों की अहम एवं ज्वलंत समस्या से सम्बन्धित शासन-प्रशासन पुरी तरह बेखबर अपनी कुम्भकर्णी निद्रा में है। यदि इसी तरह नहरें सुखी रही तो धान की खेती पर इसका काफी विपरित असर पड़ेगा इसलिए किसानों की मांग है कि नहरों में अविलम्ब पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति की जाए ताकि किसान धान की खेती सुचारू रूप से कर सके। इधर नहरों की साफ-सफाई भी निकट के समय में नही हुई है ऐसे में जब खेती का कार्य चरम पर है तो सुखी नहरें शासन-प्रशासन के दावें पर प्रश्नवाचक चिह्न लगा रही है। क्षेत्र के किसान प्रेमनारायन पाण्डेय, कमलाकर दूबे, करीमन राम, हृदयानन्द पाण्डेय ने सुखपुरा - रतसर नहर माइनर में अविलम्ब पानी छोड़े जाने की मांग की है।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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