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जानें कहां और कैसे कोरोना से ठीक हुए ये लोगजानें कहां और कैसे कोरोना से ठीक हुए ये लोग

 



बलिया। भले मेडिकल सांइस अभी कोरोना को भगाने के लिए इम्युनिटी बूस्ट करने पर जोर दे रहा और इसके लिए लोगों को तमाम उपाय सुझा रहा है, लेकिन यूपी के बलिया जिले में फेफना थाना क्षेत्र के पकड़ी धाम स्थिति मां काली की कृपा से अब तक कोरोना संक्रमण जाता रहा है। इसके ए‌क नहीं अनेक उदाहरण भी है, जिनकों मॉ के आशिर्वाद से न सिर्फ नया जीवन मिला है बल्कि आज वों दूसरे कोरोना संक्रमितों के लिए उदाहरण भी बनें है। बलिया जिले के बुढ़ऊ कुरेजी गांव निवासी साधना सिंह पत्नी अरविंद सिंह और गाजीपुर जिले के खिदराबाद गांव निवासी मोतीपाल तो महज एक बानगी भर है, जिनके लिए मॉ काली का प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी-बूटियां वरदान साबित हुई और कोरोना का मर्ज जाता रहा।



अपनी व्यथा सुनाते हुए साधना सिंह पत्नी अरविंद सिंह बताती है कि करीब एक माह पूर्व पहले उनके बेटे की तबीयत खराब हुई  फिर उनकी तबीयत बिगड़ी। इस दौरान उन्होंने दवा के साथ-साथ स्वयं को होम क्वारंटीन भी किया, ‌लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। फिर एक रिश्तेदार ने मुझे पकड़ी धाम स्थित मां काली मंदिर की महिमा के बारे में बताया और वहां जाकर मां की स्तुति करने की सलाह दी।

मरता क्या न करता की तर्ज पर मैं परिजनों को लेकर पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंची और मंदिर के पुजारी और मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत से अपनी समस्या बताई। मेरी व्यथा सुन पुजारी ने पहले मॉ का प्रसाद दिया और फिर कुछ जड़ी-बूटियां (फकियां, गोली व तेल) दिया और उसके नियमित सेवन की बात कही। सधना बताती हैं कि मां काली के आशीर्वाद और औषधियों के नियमित से अब वह कोरोना से पूरी तरह से ठीक हो गई हैं और अपना सामान्य जीवन जी रही हैं।






वहीं, बलिया के पड़ोसी जिले गाजीपुर के खिदाराबाद गांव निवासी मोती पाल की मानें तो उन्हें लंबे सेमय से बुखार और खांसी ने परेशान कर रखा था। काफी इलाज के बाद भी बीमारी ठीक होने का नाम नहीं ले रही थी। हालात इतने खराब ‌हो गए कि परिवार और गांव के लोग भी कोरोना संक्रमित कह कर उनसे दूरी बनाने लगे। 




इसी दौरान किसी ने मोती पाल को पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर जाने और मॉ की अराधना करने के साथ ही पुराजरी रामबदन भगत से उपनी पीड़ा बताने की सलाह दी। उसके बाद  मोती काली मंदिर जाकर मॉ के दरबार में हाजिरी लगाई और पुजारी से अपनी व्यथा सुनाई। तब पुजारी रामबदन भगत ने प्रसाद देने के उपरांत फकियां, गोली और तेल दिया। जिसका सेवन करने से मेरी बीमारी दूर हो गई।



 

डेस्क

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