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आज भी प्रासंगिक हैं स्व• डॉ श्रीराम चौधरी के आदर्श

 



स्व• डॉ श्रीराम चौधरी के आदर्श आज भी मार्गदर्शी 


छठवीं पुण्यतिथि पर याद किए गए छोटे मालवीय स्व• डॉ श्रीराम चौधरी


दुबहर, बलिया । जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ भाव से सेवा करना हमारे भारतीय संस्कृति की मूल पहचान है। मानव जीवन काल में परोपकार करते रहने से स्वार्थ की भावना नष्ट होकर विचार उत्तम होते हैं। उक्त उद्गार गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन राय ने बंधुचक नगवा स्थित रघुपति आदर्श संस्कृत इंटर कॉलेज के प्रांगण में क्षेत्र के छोटे मालवीय के नाम से प्रसिद्ध स्व• डॉ श्रीराम चौधरी के छठवीं  पुण्यतिथि पर आयोजित एक सादे समारोह में शनिवार को व्यक्त किया। 

कहा कि स्वर्गीय डॉ श्रीराम चौधरी शिष्ट एवं आदर्श व्यक्तित्व के धनी ही नहीं अपितु एक कुशल मार्गदर्शक एवं प्रेरणादायी थे। उन्होंने अपने जीवन काल में क्षेत्र के विभिन्न गांवों में कई विद्यालयों की स्थापना कीं।  जिसमें आज भी हजारों जरूरतमंद छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। उन्होंने अपने जीवन काल में परिचित- अपरिचित सभी जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ भाव से सेवा की थी। उनके द्वारा किए गए कार्य एवं नि:स्वार्थ सेवा भावना आज भी प्रासंगिक एवं मार्गदर्शी है। सर्वप्रथम उपस्थित लोगों ने स्व डॉ चौधरी के चित्र पर दीप प्रज्वलित, माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि प्रदान कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। मुख्य आयोजक डॉ हरेंद्रनाथ यादव ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। 

इस अवसर पर रामाशंकर तिवारी, पं• शिवजी पाठक, डॉ उमाशंकर यादव, पारसनाथ पाठक, अवधकिशोर पाठक, प्रधान छोटेलाल राम, मुनेश्वर गिरी, रविंद्र यादव, नफीस अख्तर, गौतम यादव, कौशल कुमार, शिवकुमार रश्मि, राजू गुप्ता, राजेश यादव आदि उपस्थित थे। संचालन योगेंद्र यादव साधु ने किया।


रिपोर्ट:-नितेश पाठक

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