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दस्तक अभियान के दौरान खोजे गए टीबी के 62 मरीज-जिला क्षय रोग अधिकारी

 


बलिया । दस्तक अभियान के तहत जिले में 62 टीबी के मरीज खोजे गए हैं। आशा आंगनबाड़ी व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर-घर अभियान चलाकर टीबी के मरीज खोजे हैं। 

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आनन्द कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने 341 लोगों में टीबी की आशंका जाहिर की। टीबी के आशंका वाले मरीजों की पहचान के बाद जांच कराई गई। बलगम और एक्सरे जांच के बाद 62 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। इन मरीजों को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल करते हुए इलाज शुरू कर दिया गया है। यह अभियान 12 जुलाई से 25 जुलाई तक चलाया गया।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। ऐसे में अगर खांसी का मरीज आता है तो उसके सभी लक्षणों की गहनता से पड़ताल होनी चाहिए और संभावित टीबी मरीज दिखे तो टीबी की जांच अवश्य करानी चाहिए। 

टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, लेकिन इसकी दवाओं का नियमित सेवन करना जरूरी होता है। ऐसा न करने से मल्टी ड्रग रेजिस्टेन्स (एमडीआर) टीबी होने की सम्भावना होती है। जनपद में  मल्टी ड्रग रेजिस्टेन्ट  (एमडीआर) टीबी के कुल 108 मरीज तथा एक्स्टेंसिवली ड्रग  रेजिस्टेन्ट  (एक्सडीआर) के 2 मरीज हैं। 

इन परिस्थितियों में भी टीबी जांच आवश्यक:-

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अगर कोई कोविड मरीज ठीक हो जाता है और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, फिर भी खांसी नहीं रूक रही है तो उसकी टीबी जांच अवश्य कराई जानी चाहिए। कोविड के लक्षण वाले व्यक्ति की जांच कराने पर अगर रिपोर्ट निगेटिव है तब भी टीबी जांच अवश्य करवा लें। टीबी की ट्रूनेट विधि से जांच की सुविधा जिला क्षय रोग केंद्र के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सियर में भी उपलब्ध है।

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया की सरकार टीबी मरीजों के पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान हर महीने 500 रुपये सीधे बैंक खाते में भेजती है।



रिपोर्ट : धीरज सिंह

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