Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

नही रहे लोक कलाकार कोकिल राम, साहित्यिक संस्था "निर्झर" ने दी श्रद्धांजली

 




रतसर (बलिया ) ग्रामीण परिवेश एवं गरीबी के बीच से निकले जनऊपुर निवासी लोक कलाकार कोकिल राम ( 65 ) ने डफरा वादन के क्षेत्र में लोककला का परचम लहराया। बिलुप्ती के कगार पर खड़े लोकगाथा को जीवंत प्रस्तुति देने वाले कोकिल राम बुद्धवार को संसार के विराट मंच को छोड़कर चले गए। कोकिल राम का यूं ही चले जाना उन्हें चाहने एवं उनसे कला की शिक्षा लेने वालों को बहुत मर्माहत किया है। बताते चले कि लोक कलाकार कोकिल राम डफरा वाद्य यन्त्र और लोक गायकी के जानकार थे। लोकगाथा एवं लोक नाट्य के माध्यम से ग्रामीण परिवेश में प्रबुद्ध लोगों से लेकर अशिक्षित सीधे-साधे लोगों तक सफल संवाद करने की अद्भुत क्षमता थी। इसीलिए संस्कृति की जीवंतता के लिए लोककला एक सशक्त साधन के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी थी। जनऊबाबा साहित्यिक संस्था निर्झर के तत्वाधान में बुद्धवार को हनुमत सेवा ट्रस्ट के परिसर में शोक सभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजली दी गई इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष धनेश पाण्डेय ने कहा कि मुफलिसी की जिन्दगी जीने के बावजूद अपनी कला के जरिये जीवन भर श्रोताओं को आनन्दित करते रहे। हम सबने एक समर्पित लोक कलाकार को खो दिया है। इस अवसर पर प्रेमनारायन पाण्डेय, जेई करीमन राम, राधा राम, गुलाब राम, हृदयानन्द पाण्डेय, शिव प्रसाद पाण्डेय, राजदेव पाण्डेय, राधेश्याम पाण्डेय, हरदीप यादव, ग्राम प्रधान जितेन्द्र राम सहित बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजली दी।



रिपोर्ट :धनेश पाण्डेय

No comments