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बरसात के पानी डूबे हजारों एकड़ फसल, मिर्चे का भारी नुकसान



हल्दी, बलिया । पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बरसात के बाद जलभराव ने क्षेत्र के हरी मिर्च की खेती करने वाले किसानों की कमर तोड़ दी है, लगातार बरसात होने से खेतों में जल भराव के बाद लहलहा रही हरी मिर्च की फसल देखते ही देखते गलने लगी, जिससे हरी मिर्च की खेती करने वाले किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ा रहा है।जिला में बिगही,बहुआरा,समरथपाह,सोनवानी,कठही,कृपालपुर,पुरास,रोहुआ,बसुधरपाह,पिण्डारी,निरुपुर आदि गाँव हरी मिर्च की खेती का गढ़ माना जाता है। यहां पर बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती की जाती है। लेकिन पिछले दिनों लगातार हुई बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है।हरी मिर्च की खेती करने वाले किसानों को उम्मीद थी कि इस बार हरी मिर्च की खेती सारे घाटे पूरे कर जाएगी, लेकिन लगातार हो रही बरसात से पूरे के पूरे खेत देखते ही देखते पानी मे डूब कर मिर्च के पौधे सड़ रहे है।किसान इस बार हरी मिर्च के भाव देखकर कई सपने देखे थे, लेकिन इन दिनों लगातार बरसात होने के बाद जैसे जैसे खेतों में जल भरता गया  खेतों में हरी-भरी मिर्च की फसल देखते ही देखते गलने लगी कोई दवा पेड़ को सूखने से नहीं रोक पाई और सारे सपने चकनाचूर हो गए ।क्षेत्र में करीब 85 प्रतिशत हरी मिर्च की खेती लगभग डूब चुकी है और बची फसल भी लगातार  सूख रही हैं।लगातार बरसात होने से हरी मिर्च की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, खासकर उन किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिनकी फसलें मेड़ों पर नहीं लगी थी, असल में जब पानी भर जाता है तो पौधा ऑक्सीजन नहीं ले पाता है, जिससे फसल नष्ट हो जाती है।वही खेतो को पैसे पर लेकर मिर्च व सब्जी बोने वाले किसानो के खेत मे पानी भरने से काफी नुकसान पहुंचा है।किसानों का कहना है कि अगर खेतो में इसी तरह पानी भरा रहा तो आगे की फसल भी नही बो सकेंगे।वही पिण्डारी के विकलांग किसान अमरजीत यादव व परसिया निवासी किसान दिनेश पाठक जो पिन्डारी में मिर्चे की खेती किये हैं।इन किसानों ने बताया कि किसी तरह से मिर्च की खेती किया था लेकिन बरसात के पानी से सारी फसल डूब गयी है।लेकिन अभी तक कोई सरकारी कर्मचारी हम किसानों के पास डूबी फसल का मुआयना करने नही आया।



रिपोर्ट एस के द्विवेदी

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