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पुराने समय में लोक लाज और प्रतिबन्धित परम्पराओं के कारण महिलाओं को नही मिलता था अधिकार : ब्लाक प्रमुख कन्हैया सिंह

 


रिपोर्ट : बी चौबे

बैरिया(बलिया) नारी को समाज मे उत्तम देने के निमित्त जेण्डर इक्विटी कार्यक्रम के अन्तर्गत मंगलवार को बीआरसी परिसर मुरली छपरा में नारी शिक्षा चौपाल को सम्भोधित करते हुए खण्ड शिक्षाधिकारी मुरली छपरा अवधेश कुमार राय ने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं की क्या स्थिति है ? हमारे विद्यालयों में पढ़ने वाली बालिकाओं की क्या स्थिति है इस बात को ध्यान में रखकर इस पर प्रकाश डालना है, कि हम महिलाओं की स्थिति को कैसे मजबूत कर सकते है।उनकी सामाजिक स्थिति को चाहे वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में हो शिक्षा के क्षेत्र में,राजनीति के क्षेत्र मे,समाजिक और पारिवारिक क्षेत्र में हो,वैज्ञानिक क्षेत्र में हो,आर्थिक क्षेत्र में हो नारी की सहभागिता को सुनिश्चित कर हम उनको उनके अधिकार को दे सकते है।

वहीं बतौर मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख मुरली छपरा कन्हैया सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज का परिवेश पहले की अपेक्षा काफी  बदला हुआ है।पुराने समय में लोक लाज और प्रतिबन्धित परम्पराओं के कारण महिलाओं को उनका अधिकार नही मिलता था।लेकिन आज समय और परिस्थिति बदली,हमारे संविधान में संशोधन करने के साथ ही नारी उत्थान और जागरुकता अभियान चलाकर  सरकार ने विकास के सभी क्षेत्रों में जैसे राजनीति,शिक्षा,स्वास्थ्य,अन्य तकनीकि के क्षेत्र में नारी की सहभागिता को स्वीकार किया है।आज की एक शिक्षित नारी समाज को नई दिशा देने में सक्षम है।जीवन की पहली सामाजिक चेतना माँ के द्वारा ही अपने बालक को मिलता है जो एक नारी होती है।देश के प्रधानमंत्री कहते है कि परिवार,समाज और राष्ट्र की निर्माता है नारी शक्ति।अगर इन्हें इनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया तो एक स्वच्छ और सुव्यवस्थित समाज और राष्ट्र का निर्माण नही हो सकता।

इस मौके पर एआरपी विनोद यादव,शशिकांत ,सोनू यादव,रोहित सिंह, आनन्द मौर्य, स्मिता सिंह, सुमन तिवारी सहित दर्जनों महिला व पुरुषों ने चौपाल में प्रतिभाग किया।




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