गौतम नारि श्राप बश, उपल देह ..... श्रीराम कथा में राम ने किया ताड़का बध, अहिल्या उद्धार
रतसर (बलिया) स्थानीय नगर पंचायत के बीका भगत के पोखरा स्थित शिव मन्दिर परिसर में चल रहे श्रीराम कथा महायज्ञ में मंगलवार को कथा व्यास मुनीश जी महाराज ने ताड़का वध की कथा सुनाई। कहा कि दशरथ के यहां राम,लक्ष्मण,भरत,शत्रुधन जब उनके आंगन में खेल रहें है तो दशरथ सहित तीनों रानियां हर्षित हो रहीं थी। जंगल में राक्षस विश्वामित्र को यज्ञ नहीं करने दे रहे थे। ऋषि विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेने के लिए अयोध्या राजा दशरथ के यहां पहुंच गए। कहा यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को मांगने आया हूं। इतना सुनते ही राजा भड़क गए व अपने पुत्रों को देने से मना कर दिया। बाद में गुरु वशिष्ठ के समझाने पर राजा ने अपने दोनों पुत्रों को साथ ले जाने की अनुमति दी। यज्ञ सम्पन्न होने के बाद दोनो भाई उनसे शिक्षा ग्रहण करने लगे। इसी बीच विश्वामित्र को राजा जनक के सीता स्वयंवर का आमंत्रण मिला। राम और लक्ष्मण के साथ जनकपुर की ओर प्रस्थान कर दिए। चलते-चलते वहां पहुंचे जहां पर अहिल्या पत्थर की शिला बनकर पड़ी थी। जैसे ही भगवान राम ने उस शिला पर अपना पैर लगाया वैसे ही शिला से अहिल्या प्रकट होकर प्रभु की वंदना कर स्वर्ग को चली गई। इसके पूर्व यज्ञाचार्य संकल्प जी महाराज एवं संतोष कृष्णन जी द्वारा मंडप में विभिन्न देवी-देवताओं की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। वही सुबह से श्रीराम और हनुमत प्रभु का स्मरण करते हुए सैकड़ों महिला- पुरुष और बुजुर्गों ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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