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श्रीराम कथा के समापन पर उमड़ा आस्था का सैलाब


 




रतसर (बलिया):स्थानीय नगर पंचायत के बीका भगत के पोखरा स्थित शिव मन्दिर परिसर में चल रहे श्रीराम कथा के आखिरी दिन बृहस्पतिवार को कथा वाचक मुनीश जी महाराज ने राम और भरत के मिलन की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि अयोध्या वासियों ने निर्णय लिया था कि जब तक राम और भरत का मिलन नही होगा या प्रभु श्रीराम वापस अयोध्या नहीं आएंगें वे एक समय ही आहार लेगें,जमीन पर सोएगें। इस तरह के एक साथ कई निर्णय लिया तत्पश्चात भी यह मिलन नही हो पा रहा था। तब नारद मुनि ऋषियों के पास गए। नारद मुनि को ऋषियों ने बताया कि जब तक मन,बुद्धि,चित्त और अहंकार समाप्त नही होगा तब तक यह मिलन संभव नही है। और जब यह गिरे तब जाकर फिर भगवान ने भरत को उठाकर गले से लगाया फिर कहीं राम और भरत का मिलन हो पाया । श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ बृहस्पतिवार को संपन्न हो गया। संकल्प जी महाराज एवं संतोष कृष्णम जी ने यज्ञ को पूर्णाहूति दी तथा श्रद्धालुओं को संबोधित किया। अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास धीरज कृष्ण शास्त्री  ने कहा कि जब तक व्यक्ति अपने जीवन में धर्म नही अपनाएगा, व्यक्ति के मन का मैल नहीं जा सकता। व्यक्ति को धर्म और अधर्म का चिंतन करके ही जीवन जीना चाहिए। कथा आयोजक संत प्रभाकर दास जी ने कहा कि श्रीराम के जीवन से हमें सीख लेनी चाहिए। यदि हम प्रभू के शरणागत हो जाएं तो मोह,माया और काम से दूर हो जाएंगें।

रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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