आस्था : सच्ची भक्ति भाव रखने वाले पर होती है परमात्मा की कृपा : पं० विनोद
रतसर (बलिया):परमार्थिक कार्य की कभी समाप्ति नहीं होती पर मर्यादा के हिसाब से पूर्णता होना निश्चित है। क्षेत्र के जनऊपुर गांव में मन कामेश्वर नाथ शिव मन्दिर परिसर में चल रहे श्री मद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के अंतिम दिन रविवार को कथा वाचक पं० विनोद पाण्डेय ने अमृत पान कराते हुए कहा कि मित्रता हो तो श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी हो कि निर्धन होने पर भी भक्ति कैसे की जाती है यह हमको सुदामा चरित्र से सीखने को मिलता है। कहा कि सुदामा से भगवान ने मित्रता का धर्म निभाया और दुनिया को संदेश दिया कि जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता। राजा हो या रंक मित्रता में सभी समान है और इसमें कोई भेदभाव नही होता।श्रीमद् भागवत कथा को पूर्णता प्रदान करते हुए कथा के में विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। श्रीकृष्ण का स्वधाम गमन एवं अंत में राजा परिक्षित को मोक्ष प्राप्ति के प्रसंगो को सुनाया। कथा के दौरान श्रीकृष्ण के भक्तिमयी भजनों की प्रस्तुति से पंडाल में उपस्थित भक्तगण झूम उठे और श्रीकृष्ण भजनों पर झुमते हुए कथा एवं भजनों का आनन्द लिया। पूर्णाहुति के बाद महा भण्डारे का आयोजन किया गया। सभी भक्तजनों ने भण्डारे का प्रसाद ग्रहण किया। यज्ञाचार्य पं०संजय उपाध्याय,शिवजी पाठक एवं मुनिशंकर तिवारी ने भागवत कथा का आयोजन करने के लिए समस्त इलाका वासी व भक्त जनों को आशीर्वाद दिया कि यूं ही भगवान के कथा का आयोजन होते रहे। यजमान सुरेन्द्रनाथ पाण्डेय, नरेन्द्र नाथ पाण्डेय एवं कथा आयोजक उमेशचन्द्र पाण्डेय ने भागवत कथा में अपना सहयोग देने वाले हर जन को धन्यवाद दिया।इस अवसर पर रामप्रवेश पाण्डेय,बब्बन पाण्डेय,शिव प्रसाद पाण्डेय,राकेश पाण्डेय, मनोज पाण्डेय सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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