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माँ काली के पुजारी के नुख्से ने किया कमाल, ठीक हुआ कैंसर

 




बलिया: बिहार के आरा जनपद के  बिचली रोड़ निवासी  मनोज कुमार साह को जब आंत की बीमारी  कैंसर में तब्दील हो गई और डाक्टरों ने इलाज में असमर्थता जताई तब  महज मां काली के प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी जलकुंभी के फल के सेवन से आंत में हुआ कैंसर का मर्ज जाता रहा.

अपनी व्यथा सुनाते हुए मनोज बताते हैं कि  अचानक उसके पेट में दर्द हुआ. शुरुआती दिनों में तो उन्होंने इसे हल्के में लिया और पहले इलाकाई फिर आरा,पटना और सीएमसी हेल्लो, तमिलनाडु के डॉक्टरों से उपचार कराया, लेकिन बीमारी ठीक होने की बजाए लगातार बढ़ती जा रही थी.



इसके बाद  परिजनों के साथ  पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंचे और मंदिर के पुजारी रामबदन भगत से अपनी व्यथा बताई.

मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और  फिर  कैंसर के उपचार के लिए जलकुंभी के 100 से 150 फलों को सिलबट्टे पर पीस कर पिलाने को कहा.  इसके बाद सरमुना ने करीब 3 माह तक  जलकुंभी का फल पीसकर पीते रहे. परिणाम स्वरूप जिस बीमार  को डॉक्टरों ने  यह कह कर लौटा दिया था कि अब वह कुछ समय  का मेहमान है, वह पिछले एक साल से भला चंगा होकर घूम रहा है. मनोज बताते हैं कि उनके लिए तो जलकुंभी का फल अमृत समान है. वह दूसरे कैंसर पीड़ित रोगियों को भी जलकुंभी के फल के सेवन की सलाह देती हैं.



डेस्क

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