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अनीति से कमाया हुआ धन अनर्थ का कारण बनता हैं:- लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी




दुबहर, बलिया :- धर्म की वस्तु ,यज्ञ की वस्तु, सार्वजनिक विकास के धन को हड़पने वाले व्यक्ति को लोक परलोक दोनों जगहों पर अशांति का सामना करना पड़ता है। और उनके घर परिवार में घोर कलह होता रहता है। स्वामी जी ने कहा कि कभी भी किसी का धन नहीं हड़पना चाहिए। ब्राह्मण का धन हड़पने पर ,मंदिर का धन हड़पने पर ,मठ का धन हड़पने पर तथा पूर्वजों द्वारा दान की गई जमीन हड़पने पर वह व्यक्ति मर कर अधोगति को प्राप्त करता है।

उक्त बातें भारत के महान मनीषी संत त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के परम शिष्य लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने जनेश्वर मिश्रा सेतु एप्रोच मार्ग के निकट हो रहे चातुर्मास व्रत में प्रवचन के दौरान कही। 

स्वामी जी ने कहा कि जो व्यक्ति धन-संपत्ति के मद में चूर होकर अनीति ,अत्याचार करता है वह अगले जन्म में अनेक योनियों के कष्ट भोगते हुए दरिद्रता को प्राप्त करता है। उन्होंने बताया कि धन कमाना अच्छी बात है लेकिन अनाचार, अत्याचार से किसी को अहित पहुंचा कर कमाया हुआ धन अनर्थ का कारण बनता है। अंत में वह धन भोग विलास का कारण बन कर नष्ट हो जाता है।

उन्होंने कहा कि आत्मा ही परमात्मा का अंश है। आत्मा को परमात्मा में समर्पित कर जीवन जीना चाहिए।


रिपोर्ट:-नितेश पाठक

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