Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

जर्जर बिजली की लाइन में रोज हो रहे फाल्ट, अघोषित कटौती ने बढ़ाई समस्या




रतसर (बलिया) स्थानीय विद्युत उपकेन्द्र से जुड़े लगभग 140 गांवों में जर्जर तारों से विद्युत आपूर्ति की जा रही है।जिसके चलते आए दिन यह जर्जर तार अपने आप ही टूट कर गिर जाते है और विद्युत आपूर्ति ठप्प हो जाती है। दशकों पूर्व रतसर क्षेत्र में खीचे गए तार अब पूरी तरह से जर्जर हो गए है। इससे प्रति दिन किसी न किसी गांव की बिजली आपूर्ति बाधित होती रहती है और रात में गांव अंधेरे में डूब जाता है। वहीं भीषण गर्मी में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। फिर भी विभागीय लोग इन जर्जर तारों को बदलवाने की जहमत नही उठा रहे हैं। बताते चलें कि करमौता से विद्युत उपकेन्द्र रतसर में 33 केवी की लाइन हर माह सिकन्दरपुर के समीप आए दिन टूट कर गिरता रहता है यह सिलसिला लगभग वर्षो से चला आ रहा है। विभाग का बस एक ही जबाव होता है कि ओवरलोडिंग एवं जर्जर तार के कारण यह फाल्ट होता है लेकिन आज तक इस फाल्ट को दूर करने की कवायद विभाग नही कर पा रहा है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि दिन में जर्जर तार टूट कर गिर जाते हैं तब तो विभाग की ओर से उसे सही कराने की संभावना रहती है। लेकिन रात में तार टूटने पर लोगों को उमस भरी रात बिना बिजली के ही गुजारनी पड़ती है। यही नहीं कई गांव में तो कई दिनों तक विद्युत आपूर्ति नही हो पाती। वहीं बार-बार तार टूटकर गिरने से दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। बिजली विभाग में गर्मी और बरसात शुरू होने से पहले ट्रांसफार्मर, बिजली की तारों की चेकिंग का नियम है। जिससे यह पता चल सके कि कोई उपकरण जर्जर तो नहीं हो चुका है। जिसे दुरुस्त किया जा सके। इस चेकिंग के नाम पर यहां के कर्मचारी सिर्फ लापरवाही करते हैं और जब फाल्ट होना शुरू होते हैं तो यह बताते है कि तार और उपकरण जर्जर है।



रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

No comments