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अक्षय नवमी पर हुई आंवले वृक्ष की पूजा,तर्पण और अन्नदान कर किया पूजन




रतसर (बलिया) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी बुद्धवार को अक्षय नवमी के अवसर पर आंवला के वृक्ष की पूजा की गई। लोगों ने स्नान,पूजन,तर्पण तथा अन्न दान किया ताकि उनकी हर मनोकामना पूरी हो। बताते चले कि अक्षय नवमी को आंवले के वृक्ष को पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, क्योंकि इसमें लक्ष्मी का वास माना गया है। अक्षय नवमी को लेकर श्रद्धालुओं ने अहले सुबह पवित्र जल से स्नान कर दाहिने हाथ में जल,चावल,फूल आदि लेकर व्रत का संकल्प लिया और पारंपरिक विधि विधान से आंवले के वृक्ष की पूजा अर्चना की। श्रद्धालुओं ने आंवले के वृक्ष की जड़ में दूध की धारा गिराते हुए पितरों का तर्पण किया। इसके बाद आंवले के वृक्ष के तने में सूत भी लपेटा। कर्पूर या शुद्ध घी के दिए से आंवले के वृक्ष की आरती किया।

वृक्ष के नीचे किया भोजन :

पूजा के बाद आंवले के वृक्ष के नीचे ही ब्राह्मणों को भोजन कराया गया। स्वयं भी आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन किया। इसके अलावा एक पका हुआ कुम्हड़ा (कद्दू ) के अन्दर गुप्त दान के लिए कुछ रुपए आदि ब्राह्मणों को तिलक करके दक्षिणा सहित कद्दू दान में दिया गया ।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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