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रेवती रेलवे स्टेशन का दर्जा यथावत रखनें की सांसद द्वारा लोकसभा सभा में मुद्दा उठाए जाने का , नहीं रहा कोई असर



 

रेवती - बलिया:सांसद सलेमपुर रविन्द्र कुशवाहा  द्वारा बीते 8 दिसंबर को रेवती रेलवे स्टेशन का दर्जा यथावत रखनें का मुद्दा उठाए जाने के बावजूद इसका रेल प्रशासन पर कोई प्रभाव नहीं प्रतीत होता दिख रहा है। हाल्ट घोषित होने के बाद पहले से स्थिति तीसरे रेलवे ट्रैक/ लाईन को उखाड़ दिया गया है। अब दो प्लेटफार्म व दो रेलवे ट्रैक लाईन ही रह जाएगी। इसको लेकर क्षेत्रवासियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। इस सम्बन्ध में रेल विभाग से जुड़े अधिकारी स्पष्ट जानकारी देने से कतरा रहे हैं। वैसे उनका कहना है कि हाल्ट घोषित है किन्तु फिलहाल सुविधा पहले की तरह कायम रहेगी। 

स्टेशन बरकरार रखने के लिए गठित संघर्ष समिति के संयोजक लक्ष्मण पांडेय का कहना है की आजादी मिलने से पहले सन 1942 के आंदोलन में इस स्टेशन की ऐतिहासिक भूमिका को देखते हुए रेलवे स्टेशन नहीं बरकरार रखा गया तो क्षेत्रवासी धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य हो जाएंगे। क्षेत्रवासी ओम प्रकाश कुंवर का कहना है कि यात्री सुविधाओं के विस्तार तथा स्टेशन का दर्जा बरकरार रखने के पूर्व में रेलमंत्री सहित रेल प्रशासन को आधा दर्जन से अधिक ज्ञापन प्रेषित किया जा चुका है। स्टेशन का दर्जा समाप्त किया जाना सेनानियों व क्षेत्रवासियों का अपमान करने के समान है। इसके लिए हम लोग बैठक कर एक बार पुनः आंदोलन की रूपरेखा पर जल्द निर्णय लेंगे। नगर पंचायत रेवती के अध्यक्ष प्रतिनिधि कनक पांडेय ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव के बाद स्टेशन बरकार रखने के अपने स्तर से प्रयासरत रहूंगा। भाजपा नेता मांडलू सिंह का कहना है कि इससे लिए शीघ्र ही सलेमपुर सांसद रविन्द्र कुशवाहा व  बलिया के सांसद विरेंद्र मस्त  से भेंट कर इसको यथावत रखनें की मांग की जाएगी। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल रेवती के अध्यक्ष वीरेन्द्र गुप्ता, केसरवानी वैश्य समाज के अध्यक्ष सुनील केशरी, ग्राम प्रधान विसुनपुरा अर्जुन चौहान, प्रधान गायघाट आशुतोष सिंह लालू, चौबेछपरा प्रधान प्रतिनिधि विरेश तिवारी आदि ने रेल प्रशासन से रेवती स्टेशन का दर्जा बरकरार रखने की जोरदार मांग की है।


रिपोर्ट पुनीत केशरी

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