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जे एन सी यू में कला महोत्सव के तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन



 



बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालयमें कला महोत्सव के तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो.कल्पलता पाण्डेय ने किया।  कुलपति ने  कहा कि कला से अभिव्यक्ति का अवसर मिलता है । जिससे समाज में सद्भावना और आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है । समाज के युवा वर्ग में बहुत ज्यादा निराशा और नकारात्मक ऊर्जा भरी हुई है । कलाओं का प्रशिक्षण इस निराशा और नकारात्मकता को दूर कर उनके  बहुमुखी विकास को प्रेरित करेगा। उन्होंने  बताया कि ललित कला विभाग शुरू करने का मुख्य उद्देश्य स्थानीय विद्यार्थियों को कला के क्षेत्र में रोजगारपरक ज्ञान देना है। अतिथि वक्ता डॉ.सत्यप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि कला का आध्यात्मिक पक्ष जीवन की  बेहतरी से जुड़ा होता है। कला विद्यालय अपने आप में एक विश्वविद्यालय होता है। इस तरह के प्रयास से बलियावासियों को निश्चित रूप से लाभ होगा। मुख्य अतिथि श्री श्रवण सिंह ने कहा कि अपनी अभिव्यक्ति को कला के माध्यम से व्यक्त करना ही कला की सबसे बड़ी अभिव्यक्ति है। डॉ. इफ़्तेख़ार खां ने कला के क्षेत्र में रोजगार की संभावना पर चर्चा की। प्रथम तकनीकी सत्र  में इरफ़ान खां एवं  इरशाद अंसारी ने  कला की बारीकियों से विद्यार्थियों को रूबरू कराया।  इस अवसर पर जी-20 की अध्यक्षता कर रहे भारत के जी-20 का प्रतीक चिह्न की रंगोली बनाकर ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ का सन्देश भी  प्रतिभागियों के बीच साझा किया गया.। उद्घाटन सत्र में  स्वागत व्यक्तव्य डॉ.रंजना मल्ल, संचालन डॉ.सरिता पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ.नीरज सिंह ने किया ।. इस अवसर पर प्रो.नीरजा सिंह ,डॉ प्रतिभा त्रिपाठी ,डॉ.पुष्पा मिश्रा ,डॉ.प्रियंका सिंह डॉ.अजय चौबे आदि समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।


रिपोर्ट त्रयंबक पांडेय गांधी

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