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यज्ञ के प्रभाव से दुख और दरिद्रता का होता है नाश – शांति शर्मा


दुबहड़ बलिया। गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट  बलिया के तत्वावधान में ग्रामे-ग्रामे यज्ञ, गृहे-गृहे  देवस्थापना ,कार्यक्रम के अंतर्गत क्षेत्र के घोड़हरा गांव में शनिवार की देर शाम गायत्री दीप यज्ञ एवं रविवार को गायत्री हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। शक्तिपीठ से पधारीं महिला पुरोहिताचार्य शांति शर्मा एवं नीरा राय ने वैदिक पद्धति से गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र द्वारा यज्ञ कराकर गांव एवं क्षेत्र के लोगों के मंगलमय की कामना की। इस अवसर पर महिला पुरोहित शांति शर्मा ने कहा कि  वेद मंत्र अपने आप में महत्वपूर्ण हैं। लेकिन गायत्री मंत्र एवं महामृत्युंजय मंत्र में अगणित शक्तियां विद्यमान है। गायत्री मंत्र एवं महामृत्युंजय मंत्र द्वारा यज्ञ करने का भौतिक एवं आध्यात्मिक महत्व  है। यज्ञ के आहुतियों द्वारा शक्तिशाली तत्व वायुमंडल में फैलाए जाते हैं। जो जीव के नाना प्रकार के रोगों को नष्ट करने में सक्षम होते हैं। यज्ञ मानव जीवन को सफल बनाने के लिए एक जीवंत प्रक्रिया है। पवित्र अग्नि के पवित्र आहुतियों से संपूर्ण वातावरण पवित्र एवं देवमय हो जाता है। यज्ञ वेदी में स्वाहा का अर्थ देवताओं को भोजन परोसने से है। जिसके प्रभाव के कारण मनुष्य के दु:ख और दरिद्रता का नाश होता है।

इस अवसर पर ज्योति तिवारी, लीलावती सिंह, सुशीला सिंह, विद्यावती देवी, अंजू देवी, आशा गुप्ता, सरिता गुप्ता, दिनेश सिंह, शशि सिंह लड्डू, लिखू पांडेय, देवनारायण गुप्ता, चिरंतन गुप्ता; चेतन गुप्ता आदि मौजूद रहे।



रिपोर्ट त्रयंबक पांडेय गांधी 

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