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यहाँ की पुरानी रेल लाइन रखरखाव व मरम्मत के अभाव में बुरी तरह क्षतिग्रस्त, दर्जनों गांव के अस्तित्व पर खतरा

  





बलिया : श्रीनगर तुर्तीपार तटबंध व बकुल्हा संसार टोला तटबंध को आपस मे जोड़ने वाली 70 वर्ष पुरानी मांझी रेलपुल - बकुल्हा - दलछपरा - पुरानी रेल लाइन तटबंध रखरखाव व मरम्मत के अभाव में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे दर्जनों गांवों का अस्तित्व पर सरयू नदी के बाढ़ के चलते खतरे में पड़ सकता है।

उल्लेखनीय हैं कि सन 1952 में सरयू नदी में कटान के चलते मांझी रेलपुल से दलछपरा तक पुरानी रेल लाइन की जगह पर एक किलोमीटर दक्षिण नई रेल लाइन बना ली गई थी तब से पुरानी रेल लाइन बेकार पड़ी हुई थी । इस रेल लाइन को तटबंध के रूप में उपयोग करते हुए बाढ़ विभाग ने श्रीनगर तुर्तीपार तटबंध को व बकुल्हा संसार टोला तटबंध को इससे जोड़ दिया गया है। यह पुरानी रेल लाइन तटबंध के रूप में बकुल्हा, गुमानी के ढेरा, बिशुनपुरा, चाईछपरा, उपाध्यायपुर, गोंहियाछपरा, बैजनाथ छपरा, बैजनाथपुर, सुरेमनपुर, हेमन्तपुर, मधुबनी, दुर्जनपुर सहित दर्जनों गांवों को सरयू नदी के बाढ़ से बचाती है। 

विडंबना यह है कि पिछले 70 वर्ष में एक बार भी इस पुरानी रेल लाइन की किसी विभाग ने मरम्मत नहीं कराई ना तो बाढ़ खंड में न तो स्थानीय प्रशासन ने ना अन्य किसी विभाग ने फलस्वरूप या पुरानी रेल लाइन तटबंध अत्यंत जर्जर हो गई है जंगली जीव जंतु इसमें बड़े-बड़े सुरंग बना चुके हैं ऐसे में सरयु नदी में तूफान आता है तो दर्जनों गांवों में भारी तबाही हो सकती है क्षत्रिय लोगों ने जिलाधिकारी बाढ़ विभाग के अफसरों से उक्त पुरानी रेल लाइन तटबंध की मरम्मत जनहित में कराने की मांग की है। 

इस बाबत पूछने पर उपजिलाधिकारी बैरिया आत्रेय मिश्र ने बताया कि जिलाधिकारी के माध्यम से बाढ़ खंड व डीपीआरओ को पत्र भेजा जाएगा ताकि उक्त पुरानी रेल लाइन तटबंध मरम्मत के लिए मार्ग प्रशस्त हो सके।


By - Dhiraj Singh



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