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हत्या करने के प्रयास के मामले में बलिया के अदालत ने दोषी सिद्ध होने पर सुनाया 10 वर्ष का कारावास और 21500 रुपये का अर्थ दंड


बलिया : न्यायालय विशेष न्यायाधीश ( ई0, सी0 एक्ट )अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बलिया न्यायाधीश महेश चंद्र वर्मा की अदालत ने हत्या करने के प्रयास करने के मामले में अभियुक्त संजय सिंह के खिलाफ दोष साबित पाते हुए 10 वर्ष  के कारावास  और कुल  21500 अर्थ दंड से दंडित करने का आदेश पारित किया, अर्थ दंड न देने की दशा में 10 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। संक्षेप में मामला यह है कि वादी मुकदमा प्रभु नाथ राजभर पुत्र स्वर्गीय छत्रपति राजभर निवासी सहतवार मोहल्ला दक्षिण टोला थाना सहतवार जिला बलिया ने दिनांक 20 मार्च 2011 ओमप्रकाश पटेल को उनके घर अपने टोले  में ही छोड़ने जा रहा था तो रास्ते में संजय सिंह पुत्र शीतल सिंह उर्फ कालिका सिंह अपने घर के बाहर पेशाब करते हुए मिला वादी को देखकर गालियां देने लगा और कहा कि उधर से लौट जाओ तब बताता हूं। जब वादी ,ओम प्रकाश को छोड़कर वापस लौटा तो अपने घर के सामने संजय सिंह पुनः मिला और गाली देना शुरू कर दिया थोड़ी दूर वादी के भतीजे का लड़का सोनू पुत्र  छितेस्वर, आजेश पुत्र स्वर्गीय जगन्नाथ, रघुनाथ पुत्र  छत्रपति राजभर होली मिलकर गली में आए और गाली गलौज सुनकर वादी के पास  आए।इस पर संजय सिंह पुत्र शीतल सिंह अपने घर के अंदर गया तथा अपने पिताजी की लाइसेंसी बंदूक दो नाली लेकर अपने बरामदे के बाहर आकर वादी को जान से करने के नियत से एक फायर किया गोली सोनू पुत्र चेतेश्वर के पैरों में लग गई और गिर गया दूसरा फायर  किया जो किसी को नहीं लगा इसके बाद संजय सिंह अपनी बंदूक का नाल पड़कर लाठी की तरह भा जते हुए मारपीट करने लगा इसके कुंड से अजीज की सर में चोट आई और कुंडा बंदूक से अलग हो गयाउसके बचाव में वादी के साथ के लोगों को भी लाठी डंडा से संजय सिंह को मारपीट का उसके हाथों से बंदूक छीन लिया टूटी हुई बंदूक को घायलों को लेकर थाना आया है वादी मुकदमा में उतर रिपोर्ट लिखवा दिया। दर्ज मुकदमा के आधार पर न्यायालय में विवेचक ने आरोप पत्र प्रेषित किया। जिसका विचारन के दौरान अभियोजन के तरफ से प्रस्तुत समस्त साक्षयों का समयक पारसीलन वह अवलोकन करने के पश्चात न्यायालय ने  अभियोजन के तरफ से वीरेंद्र कुमार सिंह व अनिल कुमार पांडे अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी व बचाव पक्ष की तरफ से कौशल किशोर सिंह और विवेक श्रीवास्तव की बहस सुनने के उपरांत अभियुक्त के खिलाफ दोष सिद्ध पाया और अभियुक्त को उक्त सजा सुनाई।


By- Dhiraj Singh

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