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छेमी की खेती करने वाले किसानों को इस साल बल्ले बल्ले

 



बलिया : छेमी की खेती करने वाले किसानों को इस साल लाभकारी मूल्य मिलने के कारण छेमी की खेती करने वाले किसान काफी खुशहाल नजर आ रहे हैं किसानों का कहना है सभी खर्च काटकर एक एकड़ में 40 से 50 हजार रुपये का लाभ हुआ है जो इस क्षेत्र के लिए काफी फायदा कहा जाएगा।

उल्लेखनीय है बैरिया तहसील क्षेत्र के बड़े भूभाग में छेमी की खेती किसानों ने की है कुछ लोग अपने खेतों में बोया है तो कुछ लगान पर लेकर भी खेती किए हैं। यहां का प्रतिदिन सैकड़ो क्विंटल मटर बिहार के मोतिहारी, चंपारण, दरभंगा व झारखंड के शहरों में जाता है। शाम होते ही छेमी की तिजारत में लगे एजेंट वाहनों के साथ किसानों के खेत तक पहुँच जा रहे है जहाँ से छेमी लादकर रातोरात बिहार व झारखंड के सब्जी मंडियों में पहुँचा दे रहे है। छेमी की खेती करने वाले धतुरी टोला निवासी किसान शंकर सिंह काकन, बूढ़ा गोंड, विकास सिंह, सुनील सिंह फौजी, अजय सिंह आदि ने बताया कि प्रति एकड़ 45 सौ से पांच हजार रुपया उन्नत किश्म के बीज में लगता है 15 सौ रुपये का कीटनाशक वही 15 हजार रुपया खेत का लगान 45 सौ से पांच हजार रुपया छेमी की तोड़ाई में खर्च होता है। और एक एकड़ में औसतन 30 से 40 क्विंटल छेमी की पैदावार होता है जो इन दिनों तीन हजार से 35 सौ रुपये प्रति क्विंटल छेमी थोक में बिक रहा है। कुल मिलाकर 30 हजार रुपये खर्च और लगभग एक लाख 20 हजार रुपये की आमदनी हो रही है। यानी एक एकड़ खेती में किसानों को लगभग 90 हजार रुपये का लाभ हो रहा है। किसानों का कहना है कि इतना लाभ रवि के अन्य जिंसों की खेती में नही है। किसानों ने बताया कि पिछले साल छेमी का रेट अच्छा नही था 17 सौ से 18 सौ रुपया प्रति क्विंटल बिक रहा था बावजूद इसके किसानों का नुकसान नही हुआ फायदा जरूर कम हुआ उससे विचलित हुए बिना किसान जमकर इस साल छेमी की खेती किये है और इस साल अच्छा लाभ मिलने से काफी उत्साहित हैं।



By- Dhiraj Singh

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