आठ महीने से मानदेय न मिलने से ग्राम रोजगार सेवक नहीं मनाएँगें होली
गड़वार (बलिया) मनरेगा कर्मियों को विगत आठ माह से मानदेय नही मिलने के कारण इस साल होली नही मनाने का संकल्प लिया है। जिलाध्यक्ष ग्राम रोजगार सेवक जमाल अख्तर ने बताया कि ग्राम रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक,कम्प्यूटर आपरेटर,लेखा सहायक, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी सहित मनरेगा कर्मियों को विगत 8 माह के अपने बकाया मानदेय का मुख्य त्यौहार होली से पहले भुगतान हेतु शासन की आशा भरी नजरों से देख रहे थे। जबकि इनके मानदेय भुगतान हेतु दिनांक 14 मार्च 2024 को केंद्र सरकार से लगभग 242 करोड़ की धनराशि भी जारी हो चुकी है। मनरेगा कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी होली से पहले मानदेय का भुगतान पाने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों से लेकर शासन में बैठे आला अधिकारियों तक से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते रहे लेकिन खेद है कि, इतना सब कुछ करने के बाद भी मनरेगा कार्मिकों को उनका बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया गया। इससे जनपद बलिया के लगभग 751 मनरेगा कार्मिकों के परिवारों में उदासी का माहौल छाया हुआ है। वर्ष के बारह महीने लगातार मेहनत और जिम्मेदारी से काम करने वाले मनरेगा कर्मी पैसे के अभाव में अपने परिवार और बच्चों के सामने आँख तक नहीं मिला पा रहे हैं। त्योहार पर उनके खुशियों में रंग भरना दूर की कौड़ी हो गई। अख्तर ने बताया कि पूरे प्रकरण में शासन में बैठे विभागीय उच्चाधिकारियों की संवेदनहीनता और लापरवाही परिलक्षित हो रही है। यही मनरेगा की प्रगति देखा जाय तो भारत मे सबसे सर्वोत्तम कार्य उत्तर प्रदेश में हुआ है।जिसकी शासन द्वारा डफली बजाया जाता है कि मेरा प्रदेश सबसे अव्वल है।संगठन आपके माध्यम से माननीय मुख्यमन्त्री जी सहित ग्राम्य विकास मंत्री जी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मनरेगा कार्मिकों के विगत आठ माह के बकाया मानदेय का शीघ्र एकमुश्त भुगतान और उनके मानदेय से कटौती की गई इपीएफ की सम्पूर्ण धनराशि यूएएन खाता में यथाशीघ्र जमा कराने की माँग की है।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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