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श्रीमद्भागवत कथा में हुआ श्रीकृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव का वर्णन

 


गड़वार(बलिया): क्षेत्र के बभनौली गांव में चल रहे संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस रविवार की शाम को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग हुआ।कथा प्रसंग के दौरान कथावाचक आचार्य सुनील पांडेय ने उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं से श्रीकृष्ण जन्म का कथा सुनाते हुए कहा कि माता देवकी के गर्भ से श्रीकृष्ण अवतरित हुए।उस समय जेल का दरवाजा खुला हुआ था सभी पहरेदार निद्रा में थे।देवकी ने वसुदेव से निवेदन किया कि आप पुत्र श्रीकृष्ण को यमुना पार गोकुल लेते जाइये।तब वसुदेव बालक श्रीकृष्ण को गोकुल यशोदा माता के यहाँ सुला कर लौट गए।बताया कि वहाँ योगमाया के रूप में जिस कन्या का जन्म हुआ उसे लेकर आए तो जेल में ताला बंद हो गया।पहरेदार जग गए।कंस के पास सूचना गई।कंस आकर देवकी के गोद से कन्या को छीनकर मारने का प्रयास किया तो कन्या कंस के हांथ से आकाश में उड़ गई।आकाशवाणी हुई कि कंस तुझे मारने वाला जन्म ले चुका है।योगमाया विंध्याचल में माँ विंध्यवासिनी के रूप में प्रतिष्ठित हुईं।कथा के दौरान आगे बताया कि जिस जीवात्मा के पास परमात्मा का आगमन होता है वहाँ संसार की माया रूपी बेड़ियाँ स्वतः ही टूट जाती हैं।वहीं जहाँ से परमात्मा जीव को छोड़कर चले जाते हैं वहां माया रूपी बेड़ियां लग जाती हैं।अतः संसार सागर में रहते हुए भी परमात्मा का आश्रय लेना चाहिए।क्योंकि दुर्लभ मनुष्य जीवन परमात्मा की भक्ति के लिए प्राप्त होती है।मुख्य यजमान के रूप में सूर्यनारायण उपाध्याय व श्री हरिनारायण उपाध्याय सपत्नीक हैं।कथा सुनने के लिए काफी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।

रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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