बलिया में सीबीएसई स्कूल प्रबंधक और प्रधानाचार्यों की की हुई बैठक
बलिया। विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए दिनांक 6 मई को बलिया स्थित एक प्रतिष्ठित होटल में जिले के सीबीएसई से सम्बद्ध विद्यालय के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों की बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें जिले के 25 विद्यालय के प्रबंधक और प्रधानाचार्य उपस्थित थे। यह बैठक मुख्य रूप से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर आयोजित किया गया था, जिसमें सर्वसम्मति से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में बलिया के शैक्षिक विकास को सुदृढ़ करने एवं विद्यार्थियों में नवाचार को बढ़ाने हेतु संयुक्त रूप से निरंतर प्रयास करते रहने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसके साथ ही और भी निर्णय लिए गए जिसमें, डमी एडमिशन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। बता दे कि वर्तमान समय में कक्षा ग्यारह में जाते ही विद्यार्थी डमी एडमिशन लेकर विभिन्न कोचिंग संस्थाओं से ऑनलाइन माध्यम से घर से कक्षाएं कर रहे हैं जिसका उनके मस्तिष्क पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है । अतः विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया।
आगे बैठक में बलिया के प्रधानाचार्य संगठन के सहोदया संगठन द्वारा वार्षिक संगोष्ठी (कॉन्क्लेव) आयोजित करने का निर्णय हुआ, जिसमे देश के विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को आमंत्रित करके जिले के शिक्षकों को उत्कृष्ठ रूप से प्रशिक्षित करने का उत्तम निर्णय लिया गया।
इसी के साथ आगामी 5 जुलाई को जनपद बलिया के सीबीएसई स्कूलों के प्रबंधक और प्रधानाचार्यों की वार्षिक बैठक आयोजित की जाएगी।
इस बैठक में सभी ने बलिया के सीबीएसई प्राइवेट स्कूल संगठन को मजबूती प्रदान करने पर अपनी सहमति जताई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री डी एन. सिंह( प्रबंधक जान कुंज एकेडमी )ने की। कार्यक्रम का संचालन जिला कॉर्डिनेटर श्री हर्ष श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सचिव कुंवर अरुण सिंह द्वारा इस बैठक में निर्णय लिए गए सभी बिंदुओं को क्रमवार रखा गया जिसमें उपस्थित सभी सदस्यों सहर्ष अपनी सर्वसम्मति जताई।इस बैठक में सीबीएसई स्कूल एसोसिएशन के सदस्य क्रमशः ग्रेसी जॉन,अभिषेक तिवारी,श्री अरुण सिंह,श्री प्रतीकराज सिंह, श्रीमती सुधा पांडे, श्री सी के सिंह, तुषार राज आदि प्रमुख रूप से स्थित थे। इस बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश संगठन से श्री मुरली यादव जी उपस्थित उल्लेखनीय रही।
By Dhiraj Singh
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