नहीं बन पाई बलिया के इन गांवो में घरों की घरौनी, जानें कारण
बलिया : बैरिया तहसील के अधिकांश लेखपालों के कार्य के प्रति उदासीनता व शिथिलता के कारण यहां घरौनी बनाने का कार्य पूरी तरह से परवान नहीं चढ़ पा रहा है।अभी आलम यह है कि 73 गांव के जगह कुल 68 गांव में मात्र 4227 लोगों का ही घरौनी बन पायी है। जबकि यह संख्या कम से कम लगभग अस्सी हजार के आसपास होनी चाहिए थी। इस संदर्भ में लेखपाल कुछ भी स्पष्ट कहने को तैयार नहीं है। कभी वर्कलोड की बात करते हैं।तो कभी फार्मर रजिस्ट्रेशन में व्यस्तता की बात करते हैं। कहते हैं कि जब फुर्सत मिलेगा तो घरौनी का कार्य होगा।शासन की मंशा है कि जो लोग आबादी के जमीन में बसे हैं, और उनके आशियाना का कोई वैध दस्तावेज नहीं है। उन्हें घरौनी देकर घर का प्रमाण पत्र दे दिया जाए, किंतु बैरिया तहसील में यह योजना पूरी तरह से फ्लॉप हो गया है। रामपुर के प्रधान प्रतिनिधि सुग्रीव पासवान, जिला पंचायत सदस्य विनोद यादव ने बताया कि रामपुर में महज तीन आदमी का घरौनी बना है।कोड़रहा उपरवार में यह संख्या 10 है। श्रीपतिपुर में 7, सोनकी भाट में 12 लोगों का ही अभी तक घरौनी बन पाया है। यह तो एक बानगी है।इसी तरह से लगभग सभी गांवो की स्थिति है। यहां के लेखपाल बेलगाम हो चुके हैं। इन पर लगाम कसने के लिए उनके सामूहिक स्थानांतरण की जरूरत है।उक्त दोनों लोगों ने जिलाधिकारी से इस तरफ ध्यान आकृष्ट करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है। दूसरी तरफ इस बाबत पूछने पर तहसीलदार बैरिया मनोज राय ने बताया कि पूरा प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है। देखवा रहा हूं। संवैधानिक कार्रवाई की जाएगी। शासन के मंशा के अनुसार लोगों का घरौनी बनेगा।
By- Dhiraj Singh
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