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सनबीम स्कूल बलिया में इंटरनेशनल चेस एरिना ग्रैंडमास्टर विक्रम मिश्रा के वर्कशॉप का हुआ आयोजन


बलिया : वर्तमान शिक्षण पद्धति का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है, इसी  उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु पाठ्यक्रम में खेलों को भी अति महत्वपूर्ण बनाया गया है।

बलिया स्थित सनबीम स्कूल इसी उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु निरंतर प्रयासरत रहता है, इसके लिए वह सदैव विद्यार्थियों के हित में नए नए वर्कशॉप आयोजित करते रहता है।

इसी क्रम में विद्यार्थियों को शतरंज के महत्व को समझाने हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके एरिना इंटरनेशनल मास्टर ( एआईएम) और शारीरिक शिक्षक पुरस्कार विजेता विक्रम मिश्रा द्वारा एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य स्कूल के उन उत्साही विद्यार्थियों को शतरंज के महत्वपूर्ण टिप्स और रणनीतियां प्रदान करना था जिनकी इस खेल में गहरी रुचि है।




विक्रम मिश्रा, जिन्हें जेन्स ऊना समर्स द्वारा एरिना इंटरनेशनल मास्टर की प्रतिष्ठित उपाधि से सम्मानित किया गया है, न केवल एक कुशल शतरंज खिलाड़ी हैं, बल्कि एक समर्पित कोच भी हैं। उन्होंने दादर नगर हवेली और दमन और दीव के शतरंज समुदाय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खेल विभाग, दादर नगर हवेली और दमन और दीव द्वारा वर्ष 2025 के शारीरिक शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित श्री मिश्रा का खेल और समग्र शिक्षा के प्रति समर्पण अनुकरणीय है।

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, श्री मिश्रा ने दुबई में एक प्रतिष्ठित शतरंज पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है। फेडरेशन इंटरनेशनेल डेस एचेक्स (FIDE) द्वारा उनकी उपलब्धियों को सराहा गया है और उनका एआईएम खिताब शतरंज के प्रति उनकी गहरी समझ और रणनीतिक कौशल का प्रमाण है।

सनबीम स्कूल बलिया में आयोजित इस विशेष सत्र में विक्रम मिश्रा ने छात्रों को शतरंज की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने खेल के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि ओपनिंग, मिडल गेम और एंड गेम की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। छात्रों को खेल के दौरान ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए, जिससे वे अपनी खेल तकनीक को और बेहतर बना सकें।




इस कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण वह लाइव ऑनलाइन मुकाबला था, जिसमें विक्रम मिश्रा ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के एक शतरंज खिलाड़ी के साथ खेला। इस लाइव मुकाबले को स्कूल के छात्रों के लिए सीधे प्रसारित किया गया। श्री मिश्रा ने खेल के दौरान अपनी चालों और रणनीतियों की व्याख्या की, जिससे छात्रों को वास्तविक समय में एक उच्च स्तरीय शतरंज मैच को समझने और उससे सीखने का अवसर मिला।

विक्रम मिश्रा ने छात्रों को बताया कि शतरंज न केवल एक मनोरंजक खेल है, बल्कि यह एकाग्रता, धैर्य, रणनीतिक सोच और समस्या-समाधान जैसे महत्वपूर्ण कौशल विकसित करने में भी सहायक है। उन्होंने छात्रों को नियमित रूप से शतरंज खेलने और अपनी क्षमताओं को निखारने के लिए प्रेरित किया।

स्कूल के शिक्षकों और प्रबंधन ने विक्रम मिश्रा के इस ज्ञानवर्धक सत्र के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन छात्रों को खेल के प्रति प्रेरित करने और उन्हें नई चीजें सीखने का अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


विक्रममिश्रा का खेल, शिक्षा और युवा विकास के प्रति अटूट समर्पण उन्हें एक प्रेरणास्रोत बनाता है। अपनी विशेषज्ञता और दूरदृष्टि के माध्यम से, वे निश्चित रूप से भारत में शतरंज के भविष्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते रहेंगे। बलिया के छात्रों के साथ उनका यह सत्र निश्चित रूप से युवा शतरंज खिलाड़ियों को नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करेगा।

इस अवसर पर विद्यालय निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह ने विद्यार्थियों को  संबोधित करते हुए कहा कि शतरंज न केवल आपका बौद्धिक विकास करता है अपितु आपके कार्यपथ में उच्च योग्यता भी प्रदान करता है। आपको जरूरत है अपने लक्ष्य को पहचानने की । डॉ सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति भी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए शारीरिक और बौद्धिक शिक्षा को भी  शिक्षा के मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया है।


इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह, विद्यालय प्रशासक संतोष कुमार चतुर्वेदी डीन एकेडमिक सहरबानो, हेडमिस्ट्रेस नीतू पांडे की उपस्थित सराहनीय रही।



By- Dhiraj Singh

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