मझौवा मठ के महंत मधुसुदनाचार्य के ब्रह्मलीन होने के 12 दिन आयोजित भंडारे में हजारों लोगों ने किया प्रसाद ग्रहण
रेवती (बलिया)। स्थानीय बस स्टैंड स्थित मझौवा मठ के महंत मधुसुसदनाचार्य के ब्रह्मलीन होने के 12वे दिन विधि विधान से पूजन के पश्चात आयोजित भंडारे में हजारों लोगों सहित बड़ी संख्या में साधु-संतों ने भोजन व प्रसाद ग्रहण किया।
मझौवा मठ में 74 वर्षों तक महंत रहे मधुसूदनाचार्य
मात्र पांच वर्ष की आयु में सन 1952 में राम-जानकी मझौवा मठ के पीठाधीश्वर बने थे और 74 वर्षों तक मठ का संचालन किया। आजीवन ब्रह्मचारी रहे मकसूदनाचार्य ने देशभर में धार्मिक अनुष्ठानों में सक्रिय भागीदारी की। वे वैष्णव संप्रदाय (रामानुज पंथ) को समर्पित इस मठ के छठवें महंत थे।
भंडारे के समापन के बाद क्षेत्रवासियों और अनुयायियों के बीच अगले महंत की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि मठ का अगला महंत मकसूदनाचार्य के परिवार का कोई ब्रह्मचारी व्यक्ति होगा, । मकसूदनाचार्य न केवल रेवती के मझौवा मठ बल्कि मझौवा गांव स्थित मठिया के भी पीठाधीश थे।
पुनीत केशरी
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