"सपनों का निकाह टूटा तीन शब्दों में": हसीना की चुप्पी में छुपा एक औरत का टूटा संसार
29 माह बाद टूटा रिश्ता, तीन तलाक के साथ दहेज और अमानवीय व्यवहार का दर्द भी छोड़ गया पीछे
मऊ। वो एक नई शुरुआत थी...
एक टूटी ज़िंदगी को दोबारा संवारने का सपना था...
निकाह के दिन हसीना खातून ने जब अल्लाह का नाम लेकर रिश्ता कुबूल किया था, तब सोचा भी नहीं था कि यह सफर 29 महीने बाद सिर्फ तीन शब्दों में खत्म कर दिया जाएगा — "तलाक, तलाक, तलाक..."
कोपागंज थाना क्षेत्र के कुर्थीजाफरपुर की रहने वाली हसीना खातून की कहानी सिर्फ एक महिला की नहीं, बल्कि उस भरोसे की है, जो शादी के रिश्ते में पिरोया जाता है।
2 फरवरी 2023 को हसीना का निकाह रसूलपुर (थाना मुहम्मदाबाद गोहना) निवासी मुनीर अहमद से हुआ। मुनीर की पहली पत्नी का इंतकाल हो चुका था, और हसीना ने इस रिश्ते को पूरी ईमानदारी से अपनाया। लेकिन कुछ ही महीनों में यह रिश्ता इज्ज़त और मोहब्बत से हटकर दर्द और जिल्लत का नाम बन गया।
"पांच लाख लाओ, वरना…"
हसीना का आरोप है कि शादी के बाद मुनीर और उसके घरवालों ने दहेज के रूप में पांच लाख रुपये की मांग शुरू कर दी।
खाना बंद, मारपीट, गाली-गलौज, यहां तक कि अप्राकृतिक संबंध बनाने का दबाव — ये सब उस महिला की ज़िंदगी का हिस्सा बन गए, जिसने सबकुछ छोड़कर इस घर को अपनाया था।
जुल्म में शामिल थे अपने भी
मुनीर की पहली पत्नी की बेटियां फातमा, शबाना, और सौतेला दामाद शमीम अहमद — सब हसीना को ताने देते, नीचा दिखाते, और उसके साथ जानवरों सा व्यवहार करते।
हसीना की आत्मा चीखती थी, पर जुबान खामोश रहती थी। शायद इस उम्मीद में कि एक दिन सब ठीक हो जाएगा। लेकिन वह दिन कभी नहीं आया।
फिर आया 18 जुलाई — जब सबकुछ खत्म हो गया
उस दिन मुनीर ने बिना किसी डर, बिना किसी पछतावे के तीन तलाक बोलकर हसीना को घर से निकाल दिया।
बोल दिए बस तीन शब्द — और खत्म कर दी एक औरत की पूरी ज़िंदगी की लड़ाई।
न्याय की तलाश में हसीना की पुकार
हसीना ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई। अब दहेज प्रतिषेध अधिनियम और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत मुनीर सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है।
थानाध्यक्ष रविंद्रनाथ राय ने पुष्टि की कि मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
By- Dhiraj Singh
No comments