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तड़वाबीर बाबा का चमत्कारी मंदिर: जहां घंटा है मन्नत का प्रतीक और माला बनती है सुरक्षा कवच

 




 पीडीडीयू नगर (चंदौली) : चंदौली जिले के पड़ाव-पीडीडीयू नगर मार्ग पर स्थित तड़वाबीर बाबा का मंदिर इन दिनों आस्था का अनोखा केंद्र बना हुआ है। पड़ाव चौराहे से महज 300 मीटर की दूरी पर स्थित यह प्राचीन मंदिर न सिर्फ अपनी चमत्कारी मान्यताओं के लिए, बल्कि श्रद्धालुओं की मन्नतों से जुड़ी अनूठी परंपराओं के कारण भी चर्चाओं में है।


मन्नत पूरी, तो घंटा चढ़ाना तय


मंदिर की सबसे खास परंपरा है — मन्नत पूरी होने पर घंटा चढ़ाने की मान्यता। मंदिर परिसर में नजर दौड़ाएं तो हजारों की संख्या में छोटे-बड़े घंटे टंगे दिखते हैं। इनमें कुछ घंटे तो 100 से 150 किलो तक वजनी हैं।

श्रद्धालुओं का कहना है कि कोई नौकरी के लिए, कोई संतान सुख के लिए, तो कोई बीमारी से मुक्ति के लिए मन्नत मांगता है, और जब बाबा कृपा करते हैं, तो भक्त घंटा चढ़ाकर आभार व्यक्त करता है।


सड़क दुर्घटनाओं से बचाता है बाबा का माला


इस मंदिर से जुड़ी एक और विशेष मान्यता यह है कि जो वाहन चालक बाबा का माला अपने वाहन पर चढ़ा लेता है, उसे सड़क हादसे का कोई भय नहीं रहता।

मंदिर के बाहर रोजाना दर्जनों वाहन रुकते हैं, जहां चालक माला लेकर श्रद्धा से उसे गाड़ी पर बांधते हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं कि कई वाहन चालक बड़े हादसों से बच चुके हैं, जिससे इस माला की मान्यता और भी मजबूत हुई है।


बकरे और मुर्गे भी चढ़ते हैं आस्था में


मंदिर में घंटे ही नहीं, बल्कि मुर्गे और बकरे तक चढ़ाए जाते हैं। इन्हें मंदिर परिसर में घूमते देखा जा सकता है। यह परंपरा यहां वर्षों से चली आ रही है और अब इसकी पहचान बन चुकी है।


हर घंटे के पीछे एक कहानी


तड़वाबीर बाबा का यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि मन्नतों की कहानियों का जीवंत संग्रह है। यहां हर घंटे के पीछे छुपी है किसी की खुशी, किसी की जीत या किसी की जिंदगी में आया चमत्कारी मोड़।


दूर-दूर से श्रद्धालु यहां सिर्फ पूजा नहीं करने, बल्कि भरोसा लेकर और संतोष के साथ लौटने आते हैं। यही वजह है कि यह मंदिर अब चंदौली ही नहीं, पूरे पूर्वांचल में श्रद्धा का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है।



By- Dhiraj Singh

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