काशी हिंदू विश्वविद्यालय के नए कुलपति बने बलिया के लाल प्रो. अजीत चतुर्वेदी, जिले में खुशी की लहर
बलिया : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को उसका नया कुलपति मिल गया है। केंद्र सरकार ने आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर और पूर्व आईआईटी रुड़की निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी को बीएचयू का कुलपति नियुक्त किया है। उनके चयन से अकादमिक जगत में जहां उत्साह है, वहीं उनके पैतृक गांव बलिया जनपद के हल्दी थाना क्षेत्र अंतर्गत जवहीं दियर में भी खुशी की लहर दौड़ गई है।
संत साहित्य के मर्मज्ञ आचार्य परशुराम चतुर्वेदी के पौत्र
प्रो. अजीत चतुर्वेदी प्रसिद्ध साहित्यकार और संत साहित्य के विद्वान आचार्य परशुराम चतुर्वेदी के पौत्र हैं। वे महामना मदन मोहन मालवीय के अनन्य भक्त माने जाते हैं और अपने को महामना का अनुयायी मानते हैं। उनका शिक्षण जीवन भी बीएचयू से ही शुरू हुआ था, जिससे अब एक बार फिर उनका गहरा नाता जुड़ गया है।
वैज्ञानिक उपलब्धियों और राष्ट्रीय सेवा का लंबा अनुभव
प्रो. चतुर्वेदी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं और आईआईटी रुड़की के निदेशक रहते हुए उन्होंने भारत के विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के सदस्य भी रह चुके हैं और कोरोना काल में उनके नेतृत्व में कई अहम निर्णय लिए गए, जिससे देश को बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धियाँ हासिल हुईं।
गांव में जश्न का माहौल
उनके कुलपति बनने की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव जवहीं दियर में सुबह से ही बधाई देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। उनके चचेरे भाई ज्ञान स्वरूप चतुर्वेदी ने बताया कि प्रो. साहब बचपन से ही मेधावी रहे हैं। उन्होंने लखनऊ में शिक्षा पाई, और तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं।
बड़े भाई अशीत चतुर्वेदी लखनऊ हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हैं।
मझले भाई हरि चतुर्वेदी दिल्ली के मैक्स अस्पताल में कैंसर विभाग के प्रमुख चिकित्सक हैं।
प्रो. अजीत चतुर्वेदी की एक बेटी है जो अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संदीप ओझा डब्ल्यू ने बताया कि "प्रो. साहब के कुलपति बनने से पूरे क्षेत्र की प्रतिष्ठा बढ़ी है। वे गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।"
बीएचयू में उम्मीदों की नई शुरुआत
बीएचयू के शिक्षकों और छात्रों में भी उनके आगमन को लेकर उत्साह है। माना जा रहा है कि प्रो. चतुर्वेदी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय को एक नई ऊंचाई मिलेगी और महामना के सपनों को आधुनिक रूप में साकार किया जाएगा।
By- Dhiraj Singh
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