बैरिया में धड़ल्ले से चल रहे है अवैध नर्सिंग होम व अस्पताल, हो रही है जच्चा बच्चा की मौतें, जिम्मेवार मौन
बलिया : रविवार को बैरिया के तहसील मोड़ के पास अवस्थित दीक्षा अस्पताल में ग्रामीणों द्वारा बवाल के बाद पुलिस द्वारा मामले को समझा बूझकर शांत करने की घटना के बाद क्षेत्र में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिर झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा संचालित अवैध नर्सिंग होम व प्राइवेट चिकित्सालयों पर स्वास्थ्य विभाग क्यों करवाई नहीं कर रहा है जबकि आए दिन गलत इलाज वह गलत तरीके से प्रसव करने के कारण जच्चा बच्चा की मौत की घटनाएं हो रही है।
पूछने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक दूसरे पर थोप कर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के जगदेवा ढ़ाही निवासी विशाल पासवान की पत्नी अनीशा देवी का प्रसव बैरिया के दीक्षा हॉस्पिटल में 19 अगस्त को हुआ था। प्रसूता का हालात बिगड़ने पर उसे पटना के एक निजी अस्पताल में भिजवा दिया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी 31 अगस्त को पटना में मौत हो गई थी। शव को लेकर बैरिया पहुंचे परिजन जब दीक्षा हॉस्पिटल पर गए तो वहां ताला लटका हुआ था। बाद में थाने जाकर परिजनों द्वारा एफआईआर की मांग को लेकर हंगामा किया गया पुलिस ने समझा- बूझाकर मामले को शांत कराया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
यह घटना महज एक बानगी है इस तरह की घटनाएं आए दिन बैरिया, रानीगंज व आसपास के इलाकों में संचालित अवैध नर्सिंग होम व प्राइवेट चिकित्सालय में हो रही है। किसी भी चिकित्सालय में ना तो ब्लड की व्यवस्था है ना ऑक्सीजन की नाही बेहोशी के डॉक्टर है नहीं पढ़े-लिखे सर्जन ही है। झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा आनन फानन में पैसे के लिए महिलाओं का सिजेरियन करके बच्चा पैदा करा दिया जाता है अगर उनकी जान बच गई तो उनकी किस्मत नहीं बची तो उसकी जिम्मेवारी अस्पतालों की कोई जवाब देही नहीं है। इस तरह की दुर्घटना होने पर बवाल होता है पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संबंधित चिकित्सकों के साथ मिलकर मामले को रफा-दफा कर देते हैं और फिर वही सिलसिला शुरू हो जाता है।
इस संदर्भ में पूछने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० संजीव बर्मन ने बताया कि जल्द ही ऐसे चिकित्सालयों की/ नर्सिंग होमो की अभियान चलाकर जांच की जाएगी गलत पाए जाने पर अस्पतालों को सील करने के साथ ही संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
By- Dhiraj Singh
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