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आराध्य राम का जन्म होते ही गड़वार में गूंजे मंगलगीत,घंटा घड़ियाल से गूंज उठा पंडाल




गड़वार (बलिया) कस्बा के रामलीला मंच पर श्री रामलीला समिति के तत्वाधान में चल रहे रामलीला के क्रम में मंगलवार की रात कलाकारों द्वारा श्रीराम,भरत, लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न के जन्म की लीला का सजीव मंचन किया गया।लीला का शुभारंभ पंकज उपाध्याय व अश्विनी सिंह ने श्रीराम दरबार की झांकी के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। आराध्य श्रीराम का जन्म होते ही जयकारों की गूंज सुनाई दी। घंटे घड़ियाल के बीप मंगलगीत बजने लगे। लीला प्रसंग के मुताबिक, अयोध्या के राजा दशरथ को उम्र के चौथे पन में संतान न होने को लेकर ग्लानि हुई। इस पर वह कुल गुरू वशिष्ठ के पास गए। वशिष्ठ ने शृंगी ऋषि से पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाया। यज्ञ कुंड से अग्नि देवता ने प्रकट होकर खीर प्रदान की। राजा दशरथ ने तीनों रानियों कौशल्या, कैकेई और सुमित्रा को खीर खाने को दी। उनके चार पुत्रों का जन्म हुआ। भगवान श्रीराम चतुर्भुज रूप में प्रकट हुए। माता कौशल्या ने स्तुति कर उन्हें शिशु बनने के लिए कहा। इसके बाद बाल रूप में भगवान श्रीराम का जन्म होते ही जय श्रीराम के जयघोष व घंटा घड़ियाल से पंडाल गूंजने लगा। विभिन्न दृश्यों के साथ लीला का दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। अयोध्या में बधाई व सोहर गीत गाए गए। उधर,लंका में रावण,कुंभकर्ण और विभीषण के जन्म की लीला को दर्शाया गया। लीला में दशरथ की भूमिका डा०ब्रजेश सिंह,सुमंत की सुनील ठाकुर,इंद्र की मिंटू सिंह, वशिष्ठ की सोनू तिवारी,श्रृंगी ऋषि की धनजी शर्मा, अग्नि की यशवीर सिंह ने निभाया। मंच का संचालन मुकेश कुमार सिंह ने किया।


रिपोर्ट : डी.पाण्डेय

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