हाल्ट से क्रासिंग स्टेशन की स्वीकृति प्रदान किए जाने के बावजूद कार्य प्रारंभ न होने से डेढ़ लाख से अधिक आबादी है प्रभावित
रेवती (बलिया) छपरा बलिया रेल खंड के बीच आजादी से पहले के स्थापित रेवती रेलवे स्टेशन को अप्रैल 2023 में हाल्ट घोषित कर यात्री सुविधा विहिन कर दिया गया। जिसके विरोध में स्टेशन बहाल करो संघर्ष समिति व व्यापार मंडल रेवती के तत्वावधान में 20 अक्टूबर 24 से 29 दिसंबर 24 तक 71 दिनों तक स्टेशन बहाल करने को लेकर अनवरत आंदोलन चलाया गया। सांसद सलेमपुर रामाशंकर विद्यार्थी, सांसद बलिया सनातन पांडेय द्वारा संसद सत्र से लगाए रेलवे बोर्ड में रेवती स्टेशन बहाल करने का मुद्दा उठाया गया। इस संबंध में पूर्वोत्तार रेलवे गोरखपुर के महाप्रबंधक उदय बोरवणकर द्वारा सांसद रामाशंकर विद्यार्थी को 9 अक्टूबर 25 को प्रेषित पत्र में कहा गया कि रेवती को हाल्ट से क्रासिंग स्टेशन की स्वीकृति प्रदान की गई है। शीघ्र ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं होने से क्षेत्रवासियों में ऊफापोह की स्थिति बनी हुई है।
स्टेशन बहाल करो संघर्ष समिति के अध्यक्ष लक्ष्मण पांडेय का कहना है कि 71 दिनों तक जो सर्वदलीय जन आंदोलन चलाया गया था उसे केवल सांसद के आश्वासन पर स्थगित किया गया है। नव वर्ष में कार्य शुरू नहीं होने पर आगे पुनः आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। ओम प्रकाश मुन्नु कुंवर का कहना है कि यह आजादी से पहले का स्थापित स्टेशन है। रेल प्रशासन द्वारा जन भावना के विरुद्ध जल्दबाजी में इसे हाल्ट घोषित कर दिया गया। भूत पूर्व सैनिक महाबीर तिवारी का कहना है कि हाल्ट घोषित कर प्लेट फार्म नंबर एक समाप्त किए जाने से कस्बा निवासी व्यापारी संतोष केशरी व एक महिला की ट्रेन में चढ़ते समय पैर कटने से मौत हो चुकी है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता का कहना है कि चार चार एक्सप्रेस तथा चार चार पैसेंजर पैसेंजर ट्रेन के ठहराव से प्रति दिन 12 हजार से अधिक टिकट की बिक्री होती है। कंम्पयूटरईज टिकट बिक्री शुरू होने पर यह दुगनी से अधिक हो जाएगी। नगर पंचायत रेवती के अध्यक्ष प्रतिनिधि कनक पांडेय का कहना है कि सन 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में पूरे देश में बलिया से 4 दिन पहले 15 अगस्त को रेवती आजाद हुआ था। इसे अमृत महोत्सव की जगह हाल्ट घोषित किया जाना सेनानीयों व क्षेत्रवासियों के अपमान करने के समान है। रेल प्रशासन द्वारा क्रासिंग स्टेशन की स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद यहां कार्य अविलंब शुरू किया जाना चाहिए।
पुनीत केशरी


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