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नहीं चेता प्रशासन तो डेंजर जोन बनेगा एनएच 31



रामगढ़, बलिया। गंगा नदी की भौगोलिक बनावट पर अगर शासन प्रशासन समय रहते ध्यान नहीं दिया तो आने वाले दिनों में सुघरछपरा से दुबे छपरा हनुमान मंदिर के बीच एनएच 31 डेंजर प्वाइंट बनता दिख रहा है। समय रहते ध्यान नही दिया गया तो लगभग एक किलोमीटर तक एन एच - 31 पर भयावह स्थिति देखने को मिल सकती है। राष्ट्रीय राज्यमार्ग को ठोस पहुचाना यही कारण हैं कि गंगा नदी के कटान की नजरें एनएच 31 के तरफ आंख तरेर रही है। 
पर्यावरण व भूगोल विद दुबेछपरा पीजी कालेज के पूर्व प्रचार्य डाक्टर गणेश कुमार पाठक ने बताया कि कालांतर में गंगा नदी जिस मार्ग में बही है उस मार्ग को उस दिशा को तलाश रही है। जिस दिन गंगा नदी को वह मार्ग मिल जाएगा वह उस दिन आसानी से उस मार्ग को अपने आगोश में ले लेगी।बताया कि अगर वाराणसी,बक्सर एवं बलिया के तर्ज पर पक्के ठोकर का निर्माण नही किया गया तो गंगा नदी अनवरत इसी तरह इतिहास भूगोल बदलती रहेगी कितना नुकसान होगा यह अनुमान लगाना मुश्किल है।
 उदाहरण के तौर पर वाराणसी शहर गंगा के तट पर ही बसा है बाढ़ आती है पानी ओभर फ्लो करता है वहा भी शहरों में छोटी-छोटी नाव चलती है, लेकिन एक इंच जमीन उफनती पतितपावनी की धारा से वहां कटान की जद में नही जाती है क्योंकि पूरे वाराणसी शहर में गंगा नदी के किनारे गंगा नदी में लगभग 30 फिट अन्दर से सीढ़ी नुमा पक्के घाट बनाये गए है। बक्सर में भी पक्का ठोकर का निर्माण करवाया गया है जिससे वहां भी गंगा की धारा को मोड़कर कटान नही होने दिया। उसी तरह बलिया में 1945 से 1948 के बीच पक्का ठोकर का निर्माण हुआ,अगर उसी तरह पक्का ठोकर का निर्माण नही हुआ होता तो उस समय ही बलिया का अस्तित्व इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया होता ।


रिपोर्ट रविन्द्र नाथ मिश्र

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