सांसद आदर्श गांव में गंगा की उफनाती लहरों ने बरपाया कहर
# नग्न आंखों से लोगों ने देखा तबाही का मंजर
# नहीं थम रहा गंगा का प्रलय
रामगढ़,बलिया। लगातार हो रहे गंगा के जलस्तर में वृद्धि से कटान पीड़ितों में खलबली मची हुई हैं, गंगा के विनाशकारी लहरों में केहरपुर जल निगम का पानी टंकी ताश के पत्तों जैसा नदी की प्रलयकारी लहरों में समाहित हो गया। नदी का रौद्ररूपी उबलता पानी देख सब लोग भयभीत होकर अपना जीवन किसी भी तरह से गुजार बसर कर रहे हैं तो वहीं गंगा नदी की लहरें कटार बनीं हुई हैं जो सब कुछ तबाह करने पर तुली हुई हैं। नदी के बैंकरोलिंग से अवशेष बचें हरे राम बह्मचारी जी का आश्रम गंगा की धारा से टकराने लगी हैं तो दूसरी तरफ पूर्व माध्यमिक विद्यालय सुघर छपरा अपना अस्तित्व पुरी तरह समाप्त कर चुका है।
गंगा नदी विकराल रूप धारण करने के बाद रविवार की सुबह केहरपुर के राम नाथ ओझा, उपेंद्र ओझा, जय प्रकाश ओझा, प्रभु नाथ ओझा, पप्पू ओझा, जलेश्वर दूबे का मकान गंगा की उफनती लहरों में समाहित कर लिया जबकि नदी की रौद्ररूप को देखकर बचे मकानों पर हथौड़ा चलने लगा है। उधर दुबे छपरा रिंगबंधे पर गंगा की बैंकरोलिंग से दबाव बढता जा रहा हैं जो गोपालपुर और उदईछपरा के ग्रामीणों मे अफरातफरी का माहौल बना हुआ है लोग अपना समान लेकर सुरक्षित ठीकाना ढुढने मे जुटे हुए हैं।
वहीं दूसरी तरफ अवशेष बचें चौबे छपरा , केहरपुर , सुघर छपरा एवं रामगढ़ सोनारटोला के लोगों को बाढ का पानी पूरी तरह से घेर चुकी हैं ये अपने घर से अपना जान जोखिम में डालकर एन एच -31 पर आने को मजबूर हैं समाचार लिखे जाने तक शासन प्रशासन के तरफ से कोई भी सुविधा इन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई हैं और बाढ पीड़ितों का कोई भी आला अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि इनकी सूधी लेना उचित नहीं समझते । उधर नौरंगा और भुआल छपरा में गंगा नदी अपना रौद्ररूप अख्तियार कर ली है ।
वहीं दुबे छपरा बांध के टूटे भाग पर बाढ़ विभाग के द्वारा युद्ध स्तर पर बोरी ईट भरकर डाला जा रहा है। सूचना पर जिलाधिकारी बलिया भवानी सिंह खंगरौत, एस डीएम बैरिया दुष्यंत कुमार,बैरिया विधायक सुरेन्द्र सिंह,बाढ़ विभाग के अधिशाषी अभियंता वीरेंद्र सिंह अपने सहायक अभियंता ठिकेदारों के साथ उपस्थित रहे। रविवार की दोपहर केंद्रीय जल आयोग गाय घाट के मुताबिक गंगा का जलस्तर 58.181 हैं साथ ही तीन सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढाव का क्रम जारी हैं ।
हुए करोड़ों खर्च फिर भी पच्चीस हजार लोग असुरक्षित
रामगढ़, बलिया। दुबे छपरा रिंगबंधे पर विभाग द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद पच्चीस हजार की आबादी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
बताते चलें कि 2017 में बंधे पर मिट्टी एवं चौडी़ करण मे 9 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे इसके अलावा 2018 मे चालीस करोड़ बारह लाख की लागत से पीचिंग और ठोकर का कार्य किया गया था फिर भी आज गंगा की विनाशकारी लहरों के आगे बंधा अपना घुटना टेकने को मजबूर हैं तो वहीं विभागीय सूत्रों के मुताबिक हर साल कटान शुरू होने पर फ्लड फाइटिंग के नाम पर चार करोड़ रुपये खर्च कियें जातें हैं फिर भी रिंगबंधा नदी की धारा के आगे कमजोर साबित हो रहा है और वहीं दूसरी तरफ पच्चीस हजार कि आबादी संकट में पडा़ हुआ है।
रिपोर्ट रविंद्र नाथ मिश्र
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