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बलिया के बाद कुशीनगर के बाढ़ पीड़ितों को बचाने पहुंची एनडीआरएफ की टीम




रामगढ़, बलिया।  कल तक गंगा की उफनाती लहरों के कहर से बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए जिले में तैनात एनडीआरएफ की टीम अब कुशीनगर को रवाना हो गई है। कारण कि नारायणी नदी के वेग से ध्वस्त हुए लक्ष्मीपुर रामपुर बांध के कारण जिले की बड़ी आबादी नारायणी नदी के कोप का शिकार हो रही है। जिस से राहत दिलाने के लिए कुशीनगर के डीएम ने एनडीआरएफ से मदद मांगी है।
 उल्लेखनीय है कि बीते 27 सितंबर को नारायणी नदी का लक्ष्मीपुर रामपुर बांध टूट गया था। जिसके बाद जिलाधिकारी कुशीनगर के मांग पत्र पर एनडीआरएफ की तीन टीमें गांव लक्ष्मीपुर, तहसील तमकुही राज, कुशीनगर राहत एवं बचाव कार्य को अंजाम देने के लिए पहुंच चुकी है।
 एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर पीएल शर्मा और जयंत नार्लिकर   (आईएएस) मंडलायुक्त गोरखपुर जिलाधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार सिंह (आईएएस) ने वार्ता कर मौके पर जाकर  लक्ष्मीपुर रामपुर बांध का जायजा लिया।
11 वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तीन टीमें 12 नावों और 80 बचाव कर्मियों के साथ तहसील तमकुही राज पहुंची। टीमों के साथ 06 गोताखोर , 04 पैरामेडिक्स  टेकनीशियन, आदि डीप डाइविंग सेट , लाइफ ब्वॉय, लाइफ जैकेट व  अन्य बचाव उपकरणों के साथ बाढ़ राहत बचाव कार्य पहुंची हुई है । बांध के टूटने के कारण बांध के नजदीक आसपास के गांवों लक्ष्मीपुर टोट हवा लक्ष्मीपुर बहरा टोला, लक्ष्मीपुर डीह, माडवाड़ीह नारायणपुर, शेषनाथ का डोला, नारायणपुर, विष्णुपुरा  व अन्य आसपास के गांवों में बहुत ज्यादा पानी भरने से लगभग हजारों की आबादी जलमग्न  हो जाएगी।
 एनडीआरएफ के द्वारा  रिंग बांध के घेरे में जितने भी गांव हैं । सभी को अवगत करा दिया गया है कि आप लोग समय से गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले जाएं ।इस ऑपरेशन के दौरान टीमों का संचालन निरीक्षक निरीक्षक डी0पी0 चंद्रा, निरीक्षक आलोक कुमार और उपनिरीक्षक विक्रम सिंह के द्वारा किया जा रहा है। अभी भी पानी की तेज रफ्तार के कारण बांध का कटाव हो रहा है लेकिन प्रशासन पूर्ण रूप से सजग और जागरूक हैं पूरी तरह से बांध के कटाव को रोकने में लगा हुआ है लेकिन एनडीआरएफ 24 घंटे बांध के कटान पर अपनी नजर बनाए हुए हैं जिससे किसी को भी किसी भी प्रकार की हानि ना हो मानव जीवन पूर्ण रूप से सुरक्षित रहे। एनडीआरएफ हमेशा अपने अदम्य साहस और कर्म निष्ठा के साथ मानव जीवन को सुरक्षित रखने के लिए तत्पर हैं।

रिपोर्ट रविन्द्र नाथ मिश्र

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