जुगाड़ी नाव बनी बाढ़ पीड़ितों की मददगार
दोकटी (बलिया)। शासन स्तर से चाहे जितने भी दावे किए जाय किंतु हकीकत यह है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही है। जिम्मेदार अधिकारी शासन के मंशा के अनुरूप कार्य करते नहीं दिख रहे हैं। जिससे बाढ़ पीड़ित अपने हाल पर जीने व मरने को मजबूर हैं। इससे ऐसा लगता है कि बाढ़ पीड़ितों की परेशानियों से प्रशासन को कोई लेना-देना नहीं है।
ग्राम पंचायत हृदयपुर में नौकाओं की व्यवस्था न होने के कारण लोग जुगाड़ की नाव बनाकर किसी तरह अपना काम चला रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नाव की व्यवस्था न होने से गांव के पुरुष तो अपना नित्य कार्य किसी तरह कर लेते हैं किंतु महिलाओं व बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि प्लास्टिक के ड्रमों को जोड़कर जुगाड़ का नाव तैयार किया गया है, जिससे आपात स्थिति में इससे महिलाओं व बच्चों व मरीजों को गंतव्य तक ले जाया-ले आया जाता है। इसी तरह की दुर्व्यवस्था अन्य पंचायतों में भी है। जिससे बाढ़ पीड़ितों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही है।
रिपोर्ट विद्याभूषण चौबे
No comments