सड़क की पटरियों पर पसरे झाड़ झंझार से हादसों में हुई बढ़ोतरी
चिलकहर(बलिया)। प्रतिदिन सड़क दुर्घटनायें बढ़ती जा रही है दुर्घटना घटती है तो तरह तरह के सवाल उठते है पर जो हालात इन दिनो नगरा- गड़वार-बलिया मार्ग व सलेमपुर सिंघई व चोगड़ा चिलकहर मार्ग के बने हुये है इसे देखकर लगता है कि इसके जिम्मेदार हुक्मरान गांधारी पट्टी बांधे हुये है।
लापरवाही पीडब्लूडी विभाग की है या सरकारी तंत्र की पर सड़क पर सुरक्षित आवागमन देने की जिम्मेदारी किसकी है समझ से परे दिख रहा है आय दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओ के पीछे सड़क पर फैले झांड़ झखाड़ को प्रबुद्ध वर्ग जिम्मेदार मानता है । दुर्घटनाओ मे कोई अपना सगा संबंधी की असामयिक मृत्यु पर आंसू बहा रहा है तो कोई ट्रामा सेंटरो में इलाज कराते हुये कराह रहा है। पिच सड़क पर सायकल सवार व मोटर सायकिल चालको को पीछे से आ रहे वाहनो को पास देने मे पिच सड़को के किनारे पर फैल जाने से जगह ही नहीं बच पा रही है।
दो लेन की सडक पर गौर किया जाये तो दोनों तरफ से एक एक फीट तो जंगली झखाड़ फैल गये है। इसकी रखवाली करने वाले लोगों की नजर ही नही है जबकि पीडब्लूडी के अधिकारियो की गाड़ियां भी विभिन्न कार्यो हेतू जाती है पर गंभीर होती जा रही। इस समस्या पर नजर क्यो नही जाती समझ से परे दिख रहा है। सडक किनारे पेड़ों की टहनियां भी कहीं कहीं पर नीचे आ गयी है। जिसके चलते अचानक वाहन बचने के लिये साईड करता है तो पीछे चल रहा वाहन चालक दिशाहीन हो जाता है।
पूर्व प्रधान अवधेश त्रिपाठी, परशुराम सिंह ने कहा कि सडको पर पहले के दिनों मे अधिकारियों का ध्यान रहता था पर अब ऐसा नही रह गया है। वहीं विनय पान्डेय, रामबचन यादव समाजसेवी नमोनारायण सिंह भी बढ़ रही दुर्घटनाओं में पिच सडक पर फैलते झाड़ झखाड़ को ही जिम्मेदार मानते है। कहा कि पीडब्लूडी विभाग के जिम्मेदार लोगों की नजर पड़ जाती तो हो रही दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
रिपोर्ट संजय पांडेय
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