ट्रेड यूनियन के सम्मेलन में कर्मचारियों ने भरी हुंकार, किया सरकार से संघर्ष का एलान
बलिया। रविवार को सेंट्रल ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू का द्वितीय जिला सम्मेलन कामरेड डीपी दूबे सभागार, अंबेडकर संस्थान कलेक्टर कंपाउंड में हुआ। सम्मेलन का शुभारंभ श्रीमती शशि सिंह आशा बहू नेत्री द्वारा किया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एवम सीटू के राज्य सचिव कामरेड प्रेम नाथ राय ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने सार्वजनिक सेक्टर की बिजली, रेल, कोयला क्षेत्र का नीजीकरण करने का मन बना लिया है। इसके विरोध में ट्रेड यूनियनों ने भी संघर्ष करने के लिए कमर कस लिया है। कहा कि बिजली उत्पादन क्षेत्र में निजी कंपनियों को प्रोत्साहन पैकेज सरकार मुहैया कराती है। साथ ही बिजली खरीदने की गारंटी भी दी जा रही है, वो भी बिना उपभोक्ता के।
श्रम कानूनों को मात्र चार कानून में बांधने की कोशिश की जा रही है। संसद में बिल पेश किया जाना है ताकि एक तरह से हड़ताल का अधिकार समाप्त किया जा सकें। मजदूरी संहिता तो पास भी कर दिया गया है, जिसमें न्यूनतम मजदूरी मात्र 178 रुपया तय किया गया है। सामाजिक सुरक्षा के तौर पर श्रमिकों को मिलने वाली राहत पर भी रोक लगा दिया गया है।
उन्होंने 30 सितंबर को दिल्ली में प्रतिरोध मार्च संघर्ष करने हेतु श्रमिकों का आह्वाहन किया। जिला समन्वय समिति के महासचिव कामरेड अजय सिंह ने कहा की जब देश ही नहीं बचेगा तो कर्मचारी कहाँ काम करेंगे।
देश को सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा में हम सीटू और अन्य मजदूरों के साथ मिलकर संघर्ष करते रहेंगे।
सम्मेलन को सुभाष चंद्र सिंह, राजेश पांडे, अजय यादव, रामनाथ पासवान, केएन उपाध्याय, रामकृष्ण यादव, सुशील त्रिपाठी, अनिल कुमार, पीएन लाल, अवध नारायण सिंह, राजेश रावत, रघुवंश उपाध्याय आदि ने सम्बोधित किया।
By-Ajit Ojha
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