परशुराम स्थान पर बही भक्ति रस की सरिता, गोता लगाते रहें लोग
मनियर, बलिया। राज विद्या केंद्र द्वारा परशुराम स्थान के विकास के पास प्रोजेक्टर के माध्यम से शांति के प्रवक्ता प्रेम जी रावत का प्रवचन शनिवार की रात को दिखाया गया ।जिसमें प्रेम जी रावत ने बताया कि शांति बाहर नहीं भीतर में है। मनुष्य अज्ञान बस उसे बाहर खोजता है जबकि उसे अंदर में खोजने की जरूरत है। अंदर हम तभी खोज पाएंगे जब सद्गुरु की कृपा होगी ।सद्गुरु के बताए उपाय से ही हम उस अविनाशी को खोज पाएंगे। उन्होंने गणित के सूत्र के माध्यम से समझाया कि यदि आपके पास 25550 रुपए हैं। इतने रुपए में आप क्या क्या कर सकते हैं ।
इतनी कम रकम में आप मकान भी नहीं बना सकते ।अगर जीवन भर की आपकी पूंजी 25550 रुपये हैं और वह समाप्त हो जाती है तो आपको उसी तरह से पछतावा होता है जैसे कि आपने अपनी पूरी जीवन की कमाई किसी दूसरों पर निछावर कर दिया और आपके लिए शेष कुछ भी नहीं बचा। 25550रुपये को मनुष्य के जीवन से जोड़ते हुए उन्होंने बताया कि मनुष्य का जीवन 25550 दिन की है ।यानि सामान्य व्यक्ति की आयु 70 वर्ष आंकी गई है ।एक साल में 365 दिन यानी 365 × 70 यानी 25550 दिन ।
आप अपने जीवन का प्रतिदिन खोते जा रहे हैं ।रात में सो कर ब्यतीत कर रहे हैं ।जो शेष बचे उसे सदुपयोग कर लें।हमारी उम्र प्रतिदिन वैसे ही समाप्त हो रही है जैसे कि आयु रूपी सिक्का आपके पाकेट में हो और पाकेट में छेद होने के कारण वह हमेशा गिर रहा हो। जब पूरी आयु समाप्त हो जाती है तब पछतावा होता है कि हमने जीवन में कुछ नहीं किया ।उन्होंने आत्मा को अविनाशी बताया और कहा कि वह हमारे घट में है ।इसके अतिरिक्त उन्होंने सद्गुरु के महत्व और ज्ञान के ऊपर भी विस्तृत रूप से चर्चा अपने प्रवचन में की। उक्त कार्यक्रम सोमवार की रात में प्रवचन के बाद संपन्न होगा ।
रिपोर्ट राम मिलन तिवारी
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