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प्रशासनिक मदद की आस में राह निहार रहे बाढ़ पीड़ित


बलिया। गंगा की बाढ़ से त्रस्त पीड़ितों का दर्द बांटने की गरज से शासन एवं प्रशासन द्वारा की जा रही कसरत, राहत के सवाल पर ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ की कहावत चरितार्थ कर रही है। जिले के सोहॉव, बेलहरी, दुबहर तथा बैरिया एवं मुरलीछपरा क्षेत्र पंचायत के सैकड़ों गांव अब गंगा की चपेट में आकर शासन के राहत कार्यो का इंतजार कर रहे है। उक्त बातें गंगा मुक्ति अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने रविवार को बेलहरी तथा दुबहर विकास खण्ड के नेमछपरा, हल्दी, नंदपुर, रेपुरा, बजरहा तथा दुबहर विकास खण्ड के भरसर, जनाड़ी आदि गांवों में पीड़ितों का दर्द जानने के बाद कहीं। 
उन्होंने कहा कि गंगा पार जवहीं परानपुर तथा शिवपुरदीयर के गंजरी गांव में सैकड़ों पशु बाढ़ में फंसे हुए है, जिससे सूखे स्थान पर निकालने की जरूरत है। कहा, गांवों में नाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पायी है। कहा, पूर्वांचल में गंगा की बाढ़ भी गंभीर बने रहने के संकेत मिल रहे है। कहा, इस ओर शासन को सतत सावधान रहने की जरूरत है। श्री तिवारी के साथ, हरिवंश गुप्त, धु्रव जी, गोपाल जायसवाल, शुभम मिश्र सहित कई लोगों ने बाढ़ का जायजा लिया।


By-Ajit Ojha

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