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आखिरकार दिवाकर ने दिया दरश, अर्घ्यदान के साथ पूर्ण हुआ छठ का महापर्व




बलिया। सूर्य उपासना का महापर्व डाला छठ के अन्तिम दिन रविवार को उदयागामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य देकर व्रती महिलाओं ने पूरा किया। इस दौरान शहर समेत ग्रामीणों अंचलों में बने घाटों पर काफी चहल—पहल रही तो वहीं प्रशासनिक चुस्ती भी देखी गयी। दूसरे शब्दों में कहें तो जिले में छठ का महापर्व छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्वक एवं भव्य तरीके से सम्पन्न हो गया। 


हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा के दौरान कुछ घटनाएं घटित हुई, जिस पर पुलिस व जिला प्रशासन ने अपनी सूझ—बूझ से नियंत्रण पा लिया। छठ पर्व के आखिरी दिन व्रती महिलाओं ने सूर्य देव की उपासना कर अपने परिवार के कुशल मंगल की कामना की। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने घाट पर मौजूद अन्य महिलाओं का सिंदूर कर प्रसाद का वितरण किया। इसके बाद व्रती महिलाओं ने अपने घरों पर जाकर प्रसाद खाकर व्रत को तोड़ा। घाटों पर पटाखें के साथ ही साथ छठ देवी की गीतों की गूंज सुनाई पड़ती रही। वहीं युवक व युवतियों ने अपने मोबाईल फोन से सेल्फी लेते दिखे। भोर में कड़ाके की ठंड के बावजूद भी घाटों पर भीड़ उमड़ी रही। इसके अतिरिक्त कोसी भरने वाली व्रती महिलाओं ने तालाबों में खड़े होकर सूर्य देव से अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए विनती की। 




उगते सूर्य को नमन कर व्रतियों पूर्ण किया छठ व्रत


रतसर (बलिया)। रविवार की सुबह व्रती महिलाओं ने तालाब एवं पोखरों के तट पर जल में खड़ी होकर उदयाचल सूर्य को अर्घ्य दिया, नमन किया और परिवार में सुख कल्याण की कामना की। इस दौरान पटाखे भी फोड़े गए। इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर डाला छठ यानी सूर्य षष्ठी व्रत का समापन हुआ। घाटों पर अल सुबह ही भीड़ जुटने लगी थी। अंधेरे में ही उठकर व्रती महिलाओं के साथ परिवार के लोग घाटों की ओर चल दिए। पूजन सामग्री थाल में सजाकर महिलाएं जल में खड़ी होकर सूर्योदय का इंतजार करने लगी। ज्यों ही सूर्य की लालिमा दिखी, आस्था के साथ अर्घ्य दिया। पूजन और अर्चन के दौरान पटाखे भी फोड़े गए। शनिवार की शाम को घाट पर पूजन के बाद व्रती महिलाएं मांगलिक गीत गाते हुए वापस घर लौटी थी। घर आकर आंगन में कोशी भरी। इसमें मिट्टी के बने चार खाने वाले बर्तन व हाथी के उपर चार दीपक जलाकर पूजन किया। इसी दीपक को लेकर रविवार की भोर में फिर घाट तक ले गई। पूजन के बाद इसे जल में अर्पित कर दिया। कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी रविवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद डाला छठ व्रत का विधिवत पारण किया।



मंगलकामना के साथ पूर्ण हुआ सूर्य उपासना का पर्व


नगरा। पुत्र के दीर्घायु एवं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए सूर्योपासना का दो दिवसीय महापर्व ‘डाला छठ’ रविवार को उदयाचल सूर्य को दूध से अर्घ्य देने के साथ ही समाप्त हो गया। प्रात: काल अर्घ्य देने के लिए व्रती महिलाएं अपने घरों से ब्रह्मबेला में ही छठ घाट पर पहुंच गईं। इस दौरान मंगल गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान रहा। सूर्य को गाय के दूध से अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन हुआ और प्रसाद का वितरण किया गया।
व्रती महिलाओं ने सूर्य की लालिमा के साथ ही तालाबाें व नदियों के जल में प्रवेश किया। इसके बाद सूर्य के निकलने के साथ ही किसी ने अपने पति व पुत्र से तो किसी ने ब्राह्मण के द्वारा सूर्य को अर्घ्य दिया। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रती महिलाएं ब्रह्म बेला से ही विभिन्न तालाबों के घाटों पर मंगल गीत गाते हुए पहुंचना शुरू कर दीं। घाटों पर व्रती महिलाआें द्वारा जलाए गए दीपकों से ऐसा लग रहा था जैसे आसमान से तारे धरती पर उतर आए हों। जैसे ही लालिमा गगन में दिखी, वैसे ही व्रती महिलाओं ने सुपेली में विभिन्न प्रकार के फल, मिष्ठान, पान और सुपाड़ी के साथ ही व्रतियों ने गाय के दूध से उगते हुए सूर्य को पूर्वाभिमुख होकर अर्घ्य देना आरंभ कर दिया। अर्घ्य देनेे के बाद व्रतियों ने प्रसाद वितरण शुरू कर दिया। इसके साथ ही मंगल गीत गाते हुए अपने-अपने घरों के लिए रवाना हो गईं।


धूमधाम से सम्पन्न हुआ सूर्योपासना का महा पर्व



मनियर, बलिया। अखंड सौभाग्य की कामना के लिए दो दिवसीय डाला छठ का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ।ब्रती महिलाओं ने मनियर परशुराम स्थान बहेरा नाले के किनारे ,ककरघट्टा खास घाघरा नदी के किनारे ,पतारघाट ,एलाश गढ़,चाँदू पाकड़ बहरा नाले के किनारे ,बिचली मठिया के पास बहेरा नाले के किनारे ,गौरा बंगही स्वर्गीय राम अवतार सिंह के पोखरा, खड़ेसरी बाबा के पोखरा गौरी शाहपुर ,भागीपुर ,छितौनी के तालाब,देवरार दह ताल सहित आदि नदी व तालाबों के किनारे अस्ताचलगामी व उदयीभान सूर्य उपासना कर विधी विधान के साथ छठ का पूजन किया। सर्व प्रथम व्रती महिलाओं ने शनिवार के दिन अस्ताचलगामी सूर्य को एवं रविवार की सुबह उदयीमान सूर्य को अरघ दिया। औरतें अपने अपने मन्नते मांगी थी उसी क्रम में भूंईपरी, गाजे बाजे के साथ चलकर छठ घाट तक पहुँची पूजा अर्चना की । सुरक्षा की दृष्टि से मनियर थाने के एसएचओ ज्ञानेंद्र मिश्रा दल बल के साथ छठ घाट का चक्रमण करते रहे ।महिला पुलिस भी सतर्क दिखी।



 सड़क पर उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ छठ का हुआ समापन 


रेवती (बलिया)। नगर क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर हजारों की संख्या में उपस्थित व्रती महिलाओं ने उदीयमान सूर्य को अर्घ देकर छठ पर्व का श्रढा भक्ति के साथ समापन किया । बड़ी बाजार शिवाला, भगवती घाट तथा गांधी घाट पर भारी भीड़ व जगह के अभाव में व्रती महिलाएं काली माता रोड पर अर्घ अर्पित की । बाड़ीगढ़, नारीतीर , मां दुर्गा स्थान , उत्तरटोला पूल पर , नागा बाबा के पोखरा , रामलीला मैदान ,महादेव स्थान दह किनारे आदि घाटों पर नगर पंचायत द्वारा जनरेटर व लाईट की ब्यवस्था सुनिश्चित की गई थी । जगह जगह पुलिस मुस्तैद रही । थानाध्यक्ष शिवमिलन एस आई परमानंद त्रिपाठी, सदानंद यादव, सूर्यकान्त पांडेय, गजेद्र राय ,मायाशंकर दूबे लगातार चक्रमक करते रहे । अध्यक्ष प्रतिनिधि कनक पांडेय , सुहेलदेव पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पुनीत पाठक, सपा नेता अमित पांडेय, भाजपा नेता भोला ओझा आदि ने विभिन घाटों का भ्रमण कर व्रती महिलाओं से आशीर्वाद की मंगल कामना की ।

लोक आस्था का महापर्व सकुशल हुआ सम्पन्न



रसड़ा (बलिया )। छठ पर्व के अंतिम दिन कस्बा के इस दौरान श्रीनाथ सरोवर सहित गांधी पार्क,मन्दा ,जाम, अमहर, कोटवारी, छठ घाट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा रहा चारो तरफ सरोवर को दुल्हन की तरह सजाया गया जो देखने लायक बन रही थी ।
 वही रग बिरगे परिधानों मे सरोवर पर सजधज कर महिलाऐ व मंजू सिंह घर से घाट तक पारंपरिक गीत काच ही बांस बहगी लचकत जाए गीतों को गाते हुए घांटो पर पहुची 
और घाटो पर सूर्य की पूजा अर्चना की और डुबते सूर्यदेव को अर्ध्य दिया । 

इस दौरान कई व्रती महिलाए घंटो सरोवर में खड़ी रही कुछ महिलाएं घर से लेकर घाट तक जमीन पर सोते हुए गई  तहसील व ग्रामीण इलाकों में भी पोखरे के किनारे विहंगम दृश्य देखकर ऐसा लग रहा था कि मेला जैसा महौल था । नगर के श्रीनाथ सरोवर पर काफी भीड़ रही सुरक्षा के मद्देनजर रसड़ा प्रभारी निरीक्षक सौरभ राय सहित चौकी इंचार्ज सुरेन्द्र सिंह , धर्मेन्द्र कुमार  देर शाम तक चक्रमंण करते रहे ।घाटो पर पूजा के दौरान बच्चो ने जमकर आतिशबाजी की ।




रिपोर्ट— नवनीत मिश्रा,घनेश पांडेय,संतोष द्विवेदी,राम मिलन तिवारी,अनिल केसरी,पिन्टू सिंह 

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