रिसर्च में हुआ खुलासा: मच्छर मारने वाली क्वायल से होता है अस्थमा
नई दिल्ली। सर्दियां आते ही मच्छरों का आतंक भी बढ़ जाता है। मच्छरों के इस आतंक से बचने के लिए कई मच्छर मारने वाले कॉइल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मच्छर मारने वाले ये कॉइल आपकी सेहत के लिए कोई कम खतरनाक नहीं हैं। इससे निकलने वाला धुंआ आपके शरीर में कई तरह की बीमारियां पैदा कर सकता हैं। एक रिसर्च के अनुसार कॉइल में वो कैमिकल इस्तेमाल किए जाते हैं जो कि बग स्प्रे में भी इस्तेमाल होते हैं।
जानकारों के अनुसार मच्छर मारने वाली कॉइल इस्तेमाल करने के बजाय मच्छर मारने के लिए दूसरे साधन इस्तेमाल करने चाहिए जो आपके लिए शरीर के लिए खतरनाक ना हो। 100 सिगरेट से भी खतरनाक होता है एक कॉइल एक रिसर्च में पता चला है कि एक कॉइल 100 सिगरेट के बराबर खतरनाक है और इसमे से करीब पीएम 2.5 धुआं निकलता है, जो कि बहुत ज्यादा है। इससे भले ही तंबाकू का धुआं नहीं निकलता हो, लेकिन इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर के लिए नुकसान दायक है। मच्छर मारने वाली कॉइल में से बेंजो पायरेंस, बेंजो फ्लूओरोथेन जैसे तत्व निकलते हैं। वहीं इसके साथ ही मच्छर मारने वाली ये कॉइन आपके शरीर को और भी नुकसान पहुंचाती है।
अस्थमा होने का रहता है डर, कई रिसर्च में सामने आया है कि लगातर कॉइल के धुएं में रहने से सांस लेने में दिक्कत होना शुरु हो जाती है। इसके ज्यादा संपर्क से फेफड़ों पर भी असर पड़ता है। डॉक्टर्स के अनुसार अगर कोई ज्यादा समय कॉइल की धुआं में सांस लेता है तो उसे अस्थमा होने का डर बढ़ जाता है। साथ ही यह बच्चों में लगातार होने वाले घबराहट का कारण भी बन सकती है।
डेस्क
जानकारों के अनुसार मच्छर मारने वाली कॉइल इस्तेमाल करने के बजाय मच्छर मारने के लिए दूसरे साधन इस्तेमाल करने चाहिए जो आपके लिए शरीर के लिए खतरनाक ना हो। 100 सिगरेट से भी खतरनाक होता है एक कॉइल एक रिसर्च में पता चला है कि एक कॉइल 100 सिगरेट के बराबर खतरनाक है और इसमे से करीब पीएम 2.5 धुआं निकलता है, जो कि बहुत ज्यादा है। इससे भले ही तंबाकू का धुआं नहीं निकलता हो, लेकिन इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर के लिए नुकसान दायक है। मच्छर मारने वाली कॉइल में से बेंजो पायरेंस, बेंजो फ्लूओरोथेन जैसे तत्व निकलते हैं। वहीं इसके साथ ही मच्छर मारने वाली ये कॉइन आपके शरीर को और भी नुकसान पहुंचाती है।
अस्थमा होने का रहता है डर, कई रिसर्च में सामने आया है कि लगातर कॉइल के धुएं में रहने से सांस लेने में दिक्कत होना शुरु हो जाती है। इसके ज्यादा संपर्क से फेफड़ों पर भी असर पड़ता है। डॉक्टर्स के अनुसार अगर कोई ज्यादा समय कॉइल की धुआं में सांस लेता है तो उसे अस्थमा होने का डर बढ़ जाता है। साथ ही यह बच्चों में लगातार होने वाले घबराहट का कारण भी बन सकती है।
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