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सोशल मीडिया का मिला सहारा,बेटी को मिला घर—बार


रसड़ा(बलिया)। बलिया जनपद के रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के मंदा गांव के ग्रामीणों ने बच्चे सहित आत्म हत्या करने के इरादे से रेलवे ट्रैक पर बैठी महिला को समय रहते बचाकर मानवता की एक मिशाल कायम किया । ग्रामीणों ने महिला को बच्चे सहित बचाया ही नहीं, अपने घर ले जाकर उसका सेवा भाव के साथ आतिथ्य सत्कार भी किया, जिसका चहुंओर प्रशंसा हो रही है। ज़ी हां 2/11/19/  को  अखण्ड भारत न्यूज़ संवाददाता पिन्टू सिंह के साथ पहुंची रेलवे पुलिस ने महिला से पूछताछ किया और पत्रकार व आरपीएफ के मदद से घर पहुंची उर्मिला 

उल्लेखनीय है कि फेफना— इंदारा रेल प्रखण्ड अन्तर्गत शनिवार 2 नवम्बर  को सुबह रसड़ा रेलवे स्टेशन पूर्वी केबिन मंदा ढाला के समीप एक महिला एक मासूम बच्चे को रेल लाइन के बिचो बीच बैंठी थीं, तभी आसपास की  महिलाओं की नजर उस मां बेटे पर पड़ी। महिलाओं ने मानवता का परिचय देते हुए तुरन्त रेल लाइन पर पहुंच महिला को वहां से हटाया और अपने घर ले गई। ग्रामीण महिलाओं ने एक तरफ जहा बच्चे को दूध पीने को दिया,सेव खिलाया, वहीं महिला को नहला धुलाकर कपड़े भी पहनाए और खाना खिलाया। इसके बाद ग्रामीणों ने एक स्थानीय संवाददाता पिन्टू सिंह को मोबाइल पर उक्त महिला के बारे में जानकारी दी। 
संवाददाता ने आरपीएफ चौकी इंचार्ज आनन्द सिंह को पूरी घटना से अवगत कराया। आनन-फानन में आरपीएफ चौकी इंचार्ज आनन्द सिंह दल बल के साथ उस महिला के पास पहुंच कर पूछताछ किया, जिसपर महिला ने अपना नाम उर्मिला, पति का नाम रामदत्त निवासी उसरहवा गुगली जनपद गोरखपुर बता रही थी।पिता का नाम श्यामदेव थाना पुलदापुर बता रही हैं । मानवता के आधार पर अल्पसंख्यक समुदाय के महिलाओं ने अपने ही पास रखा तथा तथा 7 दिनों तक भोजन करा कर मानवता का मिशाल कायम किया और यह सिद्ध कर दिया कि आज भी मानवता जिंदा है । उसके परिजनों का इंतजार करते हुए आज आरपीएफ की मदद से गोरखपुर भेजा गया जहां  जहां उसके परिजन इंतजार कर रहे थे बिटिया को देखते ही परिजनों के आंसू बहने लगे वहीं  खुशी का ठिकाना  नहीं रहा और परिजनों ने पत्रकार , आरपीएफ,व मुस्लिम परिवार को कोटि-कोटि बधाई दिया ।    

 रिपोर्ट पिन्टू सिंह 

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