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शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता और समय का ख्याल रखना अनिवार्य : डीएम



कुल 177 मामले में 18 का मौके पर ही निस्तारण 

सिकंदरपुर,बलिया । जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही की अध्यक्षता में सिकंदरपुर तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन हुआ। इसमें कुल 177 मामले आए, जिनमें 18 का मौके पर निस्तारण कराया गया। शेष शिकायतों को संबंधित अधिकारियों को सौंपते हुए जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता और समय का ख्याल अनिवार्य रूप से रखा जाए। इस दौरान अवैध कब्जे, राशन, पेंशन व जमीनी विवाद से मामले ज्यादातर आए।


जनसुनवाई के बाद जिलाधिकारी ने अधिकारियों व समस्त कानूनगो-लेखपाल को निर्देश दिया कि जो भी प्रकरण आते हैं, उनमें मौका मुआयना करने के बाद ही सही रिपोर्ट लगाई जाए। विशेष जोर देकर कहा कि वरासत जैसे रूटीन में होने वाले कार्य भी महीनों तक लम्बित होना और वह समस्या समाधान दिवस तक आना आपत्तिजनक है। हिदायत दी कि रूटीन में होने वाला काम आसानी से हो जाए। तहसीलदार को निर्देश दिया कि अवैध कब्जे, अतिक्रमण जैसे मामले में पुलिस व राजस्व की संयुक्त टीम बनाकर निपटारा किया जाए। ऐसे मामलों को थानेवार सूचीबद्ध करके थाना समाधान दिवस पर अनिवार्य रूप से निस्तारित कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि टीम भावना के साथ काम करके लोगों को सही न्याय दिलाना हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए।



जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि आइजीआरएस पोर्टल पर निस्तारण आख्या 15 दिन के अंदर हर हाल में अपलोड कर ली जाए। प्रायः ऐसा देखा जाता है कि हाथ से भी लिखकर आख्या अपलोड कर दिया जाती हैं। अब ऐसा नहीं होना चाहिए। टाइप कराकर ही स्पष्ट आख्या अपलोड करें। इस बात का विशेष ख्याल रखें कि कोई भी शिकायत डिफाल्टर को श्रेणी में नहीं जानी चाहिए। 


 संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान कुछ शिकायतें दोबारा आईं। उदाहरण के तौर पर, सार्वजनिक भूमि या चकरोड पर अवैध कब्जे की शिकायती पत्र देने के बावजूद समस्या जस की तस बनी रहने की बात संज्ञान में आने पर डीएम सख्त दिखे। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि जो शिकायत आए, उसका समय से गुणवत्तापरक समाधान कर लिया जाए। अगर कोई बाधा हो तो उसका लिखित रूप में स्पष्ट उल्लेख किया जाए। उन्होंने कहा कि जिसके स्तर पर शिकायत लंबित होगी उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। एसपी देवेंद्र नाथ ने पुलिस से जुड़ी शिकायतों को सुना और त्वरित समाधान के लिए मातहतों को कड़े निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम अन्नपूर्णा गर्ग, सीओ पवन कुमार सिंह, सीएमओ डॉ प्रीतम मिश्रा, डीडीओ शशिमौलि मिश्रा, बीएसए शिवनारायण सिंह समेत जिला व तहसील स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

 डीएम ,एसपी ने बैठक में शांति व्यवस्था पर चर्चा की


सिकंदरपुर पुलिस चौकी पर पीस कमेटी की बैठक हुई, जिसमें कस्बे के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, एसपी देवेंद्र नाथ समेत वहां मौजूद हर वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों ने आगामी समय में शांति व्यवस्था पर चर्चा की। खासकर, अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले को लेकर सभी वक्ताओं ने एकस्वर से कहा कि सिकन्दरपुर में गंगा-जमुनी तहजीब आज भी कायम है। कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, सभी लोग उसको सहर्ष स्वीकार करेंगे।

सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज करने वालों पर होगी कार्यवाई: डीएम


बैठक को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि फूलों की नगरी सिकन्दरपुर कस्बे को भाईचारे के एक उदाहरण के तौर पर लिया जाता है। यह आगे भी बना रहे, इसके लिए अफवाहों से हमेशा दूर रहें। सोशल मीडिया पर सजग रहें। कोई भी अफवाह या भड़काऊ मैसेज को न तो फैलाएं और न ही कहीं फारवर्ड करें। पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ ने अपने सम्बोधन में सिकन्दरपुर के लोगों की आपसी सद्भाव की जमकर सराहना की। एसडीएम अन्नपूर्णा गर्ग ने अपील की कि सोशल मीडिया पर कोई भी मैसेज फारवर्ड नहीं करें। भ्रम और भड़काऊ मैसेज से दूरी बनाएं। कोई ऐसा काम नहीं करें जिससे पुलिस प्रशासन को कार्रवाई करना पड़े। बैठक में नगर पंचायत चेयरमैन डॉ. रविन्द्र वर्मा, विधायक प्रतिनिधि अंजनी यादव, पूर्व चेयरमैन संजय भाई, भीष्म चौधरी, प्रयाग चौहान समेत दर्जन भर वरिष्ठ नागरिकों ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन थानाध्यक्ष बालमुकुंद मिश्र ने किया।



रिपोर्ट : डेस्क 

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