भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की "बेटी बेचवा" नाटक का मंचन
मनियर, बलिया । आदर्श नगर पंचायत मनियर के तृतीय विजय दिवस के उपलक्ष में युवा संगठन मनियर के तत्वावधान में परशुराम स्थान के विनय मंच पर रविवार की रात महान लोक कलाकार भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की अमर कृति बेटी बियोग (बेटी बेचवा) नाटक का मंचन संकल्प संस्था की तरफ से किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के अनुज मोहन जी सिंह वरिष्ठ पत्रकार एवं भाजपा नेत्री केतकी सिंह ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत कराई। इसके पूर्व कार्यक्रम के आयोजक युवा नेता गोपाल जी ने अपने संबोधन में नगर पंचायत अध्यक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मैं तो पत्थर आसमान में तबीयत से उछाला था लेकिन आसमान पीछे हट गया तो मैं क्या करूं ?वहीं वार्ड नंबर एक के सभासद प्रतिनिधि रविंद्र हट्ठी ने आदर्श नगर पंचायत मनियर में कथित रूप से भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। तत्पश्चात मंच को कलाकारों को सौंप दिया गया। कलाकारों ने अपने
नाटक में अपनी कलाओं से दर्शकों को कभी खूब हंसाया तो कभी गमगीन दृश्य प्रस्तुत कर रोने पर भी मजबूर कर दिया ।दर्शकों ने कलाकारों का तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया। भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर की अमर कृति बेटी बियोग(बेटी बेचवा )नाटक के माध्यम से कलाकारों ने यह दर्शाने का भरपूर प्रयास किया कि माँ बाप अपने पुत्री की शादी के लिए दुल्हा की तालाश से पहले लडकी की इच्छा को नहीं भाँपता है और लडकियों को अभिशाप समझ कर अपने मन माफिक ऊलूल जलूल लड़के से शादी कर देता है नाटक में दिखाया गया कि यदि बाजार से कोई चार आना का सामान खरीदने जाते हैं तो चतुर व्यक्ति को लेकर जाते हैं कि कहीं हम ठगे न जाएं। और वहीं बेटी की जिंदगी भर की सौदा करते हैं तो एक बार भी बेटी से राय मशविरा नहीं लेते ।यह कितनी बड़ी विडंबना है ?बाजारू सामान का उपयोग तो हम कुछ ही दिन या कुछ क्षण करते हैं लेकिन बेटी दमाद का संबंध तो जीवन भर का होता है। कलाकारों ने अपने नाटक में दर्शाया कि अगुआ दो सौ रुपये का कमीशन लेकर बेटी के बाप से सोलह सौ में बेटी का सौदा कराता है और बेटी को बकलोल व एजेड दूल्हे के साथ बेच देता है बेटी ससुराल में जाकर नाना प्रकार की प्रताड़ना झेलती है ।इस नाटक में भोजपुरी लोकगीतों का भी भरपूर उपयोग हुआ जैसे बाबा बाबा पुकारे नी ,बाबा ना बोले ले हो। बाबा रहे धन लोभी ,बाबा लुका गईले हो ।दूल्हा बकलोल की भूमिका आनंद कुमार, बेटी की भूमिका ट्विंकल गुप्ता, लड़की की मां की भूमिका सोनी, पंडित की भूमिका अखिलेश ने निभाई। लड़की की शादी बकलोल पुर गांव निवासी बकलोल के साथ हुई ।इस मौके पर केतकी सिंह, मोहन जी सिंह ,अशोक सिंह ,देवेंद्र नाथ त्रिपाठी, अखिलेश सिन्हा ,रंजीत सिंह ,जेपी सिंह ,मनोरंजन सिंह ,युवा नेता गोपाल जी की पत्नी खुशबू सिंह ने कलाकारों प्रतीक त्रिवेदी ,आशीष त्रिवेदी,संस्कृति त्रिवेदी ,सलोनी ,सोनी ,शालू ,अर्जुन कुमार रावत, ट्विंकल गुप्ता ,आनंद कुमार, हितेश ,अखिलेश, राहुल ,रवि कुमार, शैलेंद्र मिश्रा, शैलेंद्र शर्मा, कंचन जी कवि को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया ।अतिथियों को भी अंगबस्त्र से सम्मानित किया गया ।नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष शीतांशु गुप्ता ,प्रमोद जी ,बूथ अध्यक्ष सुमेर चौरसिया ,चंद्रमा उपाध्याय , विकास सिंह, शिवानंद सिंह को भी अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। अंत में युवा नेता गोपाल जी ने सभी अतिथियों व कलाकारों का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट : राममिलन तिवारी


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