कोरोना से लड़कर हमें सुरक्षित करने वाले योद्धाओं को सम्मान देना हमारा कर्तव्य : डा० गणेश पाठक
बलिया : कोरोना महामारी से उत्पन्न इस भीषण आपदा से जुझते हुए अपनी जान को संकट में डालकर एवं अपने परिवार घर पर छोड़कर एक कुशल योद्ध की तरह कोरोना से संक्रमित लोगों की जान बजाने वाले एवं कोरोना को भगाने वाले स्वास्थ्य एवं चिकित्सा कार्य में जी- जान से लगे हुए डाक्टर्स, नर्सों एवं उन सभी स्वास्थ्यकर्मियों को मेरा कोटिशः नमन, जो अपना जान जोखिम में डालकर दिन -रात चिकित्सा एवं सेवा कार्य में लगे हुए हैं। इनका ऋण हम कभी नहीं चुका सकते हैं।
लाँकडाउन को सफल बनाने एवं विविध प्रकार से सेवा में दिन - रात सेवारत पुलिस विभाग के जवानों एवं अधिकारियों तथा प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी मेरा सैल्यूट जो विभिन्न कठिनाइयों को सहते हुए भी निरन्तर अपनी जान जोखिम में डालकर सेवारत हैं।
समाचार पत्र को समय से हम सबके घर तक पहुँचा कर समाचार से अपटेड कराने वाले समाचार पत्र विक्रेताओं को विशेष तौर से धन्यवाद ज्ञापित करना हूँ और उन्हें भी सैल्यूट करता हूँ जो अपनी जान की परवाह किए बिना निरन्तर समाचार पत्रों का वितरण कर रहे हैं।
इस विकट परिस्थिति में घर से बैं पहुँच कर भीड़ भरे वातावरण में भी अपनी सेवा प्रदान करने वाले उन बैंककर्मियों को भी धन्यवाद एवं नमन है जो हमें आर्थिक दृष्टि से इस लाँकडाउन में भी सबल बनाए हुए हैं।
यह लाँँकडाउन का समय ऐसा समय है जब बहुत से लोगों को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है और वो अपनी आवश्यकता की वस्तुएं भी नहीं खरीद पा रहे हैं। यही नहीं उन्हें भोजन का संकट भी उत्पन्न हो जा रहा है। ऐसी स्थिति में मैं उन समाज सेवियों के प्रति भी धन्यवाद प्रकट करते हुए उन्हें भी नमन करता हूँ कि उनके द्वारा ऐसे प्रत्येक लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।
ऐसी परिस्थिति में हम आम नागरिकों का भी यह कर्तव्य बनता है कि हम सभी कोरोना से जुझने वाले ऐसे योद्धाओं को मान-सम्मान प्रदान करते उनका मनोबल बढ़ाते रहें। साथ ही साथ हम अपना एवं अपने परिवार की कोरोना से रक्षा करने हेतु एवं कोरोना को भगाने हेतु पूर्णतः लाँँकडाउन का पालन करते हुए सपरिवार संयम, संकल्प ,साहस, सहयोग एवं स्वच्छता तथा साफ- सफाई से रहते हुए तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताए गए नियमों का पालन करते हुए घर में ही रहें।
हाँ इस दौरान हम एक बात का और ध्यान रखें कि हम अपना आत्मबल एवं अपनी मानसिक सुदृढ़ता बढ़ाए रखें। यदि ऐसा हम करते हैं तो न केवल कोरोना को भगाने में सफल होंगे, बल्कि एक जिम्मेदार एवं जागरूक नागरिक के रूप में अपनी पहचान बनाने में भी कामयाब होंगे।
रिपोर्ट : धीरज सिंह
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