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अब बलिया के सरकारी स्कूलों के बच्चों की ड्रेस को परखेंगे माननीय



बलिया: जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में बेहतर गुणवत्ता का ड्रेस देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इसके लिए बकायदा 29 फर्मों से उनके सैम्पल के साथ खुला आवेदन लिया गया। बेहतर गुणवत्ता का ड्रेस चयन के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय समिति ने 8 फर्मों के ड्रेस को स्वीकार किया। जिलाधिकारी ने बताया कि ड्रेस वितरण को और पारदर्शी बनाने के लिए हमने दो सौ नमूने तैयार किए हैं, जो जनप्रतिनिधि गण व पत्रकार बन्धुओं को दिया जाएगा। स्कूलों पर वितरण के समय भी इन लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। हर न्याय पंचायत स्तर पर भी एक-एक नमूना उपलब्ध रहेगा। उसी नमूने के आधार पर उसी गुणवत्ता का ड्रेस सिलवाने की जिम्मेदारी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की होगी। पारदर्शिता के लिए अपनाई गई इस प्रक्रिया के लिए जिलाधिकारी ने संयुक्त मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग व बीएसए शिवनारायण सिंह की सराहना भी की।

*हर ब्लॉक के पांच स्कूलों की होगी जांच*

जिलाधिकारी ने कहा कि गुणवत्ता की जांच के लिए हर ब्लॉक से पांच स्कूलों को रैण्डमली आधार पर लिया जाएगा। वहां वितरित हुए ड्रेस को नमूने के कपड़े से मिलाया जाएगा। अगर नमूने से इतर ड्रेस वितरण हुआ पाया गया तो जिम्मेदार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

*समूह की महिलाएं सिलेंगी पचास हजार से अधिक ड्रेस*

जिलाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी इससे जोड़कर उनको रोजगारपरक बनाया जा रहा है। मिशन की उपायुक्त अन्नपूर्णा गर्ग के नेतृत्व में यह तय हुआ है कि कम से कम से कम 50 हजार ड्रेस उन महिलाओं द्वारा सिला जाएगा। इससे उनको घर बैठे कुछ आय भी हो जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि जिस तरह पर्याप्त मात्रा में मास्क बनाकर समूह की महिलाओं ने अपनी क्षमता दिखाई है, अगर उनको सपोर्ट मिला तो और बेहतर परिणाम दिखा सकती हैं।



रिपोर्ट धीरज सिंह

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