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जाते जाते बलिया सीएमओ ने चहेते बाबू को बनाया सुपर पावर



बलिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीके मिश्रा को जैसे ही स्थानांतरण की जानकारी हुई, उन्होंने अपने अधीनस्थ वरिष्ठ बड़े बाबूओंं को अक्षम बताते हुए चहेते कनिष्ठ बाबू को लेखा अनुभाग के स्टेशनरी/ प्रकीर्ण एवं यात्रा भत्ता आदि देयको के भुगतान करने का चार्ज दे दिया।जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी भ्रष्टाचार में कितना संलिप्त थे। इसका जीता जागता उदाहरण शुक्रवार को देखने को मिला।

 जैसे ही सीएमओ को गैर जनपद स्थानांतरण की जानकारी हुई, वैैसे ही उन्होंने अपने अधीनस्थ सीएचसी खेजुरी में तैनात वरिष्ठ सहायक गोविंद सागर, सीएचसी दुबहड़ में तैनात वरिष्ठ सहायक राजकुमार पर्वत एवं वरिष्ठ सहायक सुभाष चंद्र गुप्ता को कार्यालय अधोहस्ताक्षरी के कार्य में अक्षमता दिखाते एवं कोविड-19 में ए राजकीय कर्य की आवश्यकता बताते हुए तत्काल प्रभाव से अपपे चहेते कार्यालय जिला कुष्ठ अधिकारी, बलिया में तैनात कनिष्ठ सहायक मनोज सिंह यादव को  लेखा अनुभाग के स्टेशनरी/ प्रकीर्ण एवं यात्रा भत्ता आदि देयकों के भुगतान के लिए अभिलेखीय औपचारिकता अ‌ग्रिम आदेश तक करने के लिए आदेश दे दिया। 

जब कि सीएमओ ने ही नवंबर 2019 में शहर कोतवाली में पांच लोगों के विरूद्घ तहरीर देकर एनआरएचएम में फर्जी तरीके से हस्ताक्षर और पासवर्ड बनाकर करोड़ों का भुगतान करने के मामले में केस दर्ज कराया था। इसके बाद सीएमओ ने ही इसमें से आरोपी कनिष्ठ सहायक मनोज सिंह यादव को अपनी गर्दन फंसती देख जान बुझकर विवेचना से बाहर निकलवाया था। जबकि चार आरोपी वर्तमान में गबन के आरोप में जेल में हैं।

शिकायतकर्ता हरेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया ‌था कि सीएमओ कार्यालय में तैनात कनिष्ठ सहायक मनोज सिंह यादव ने अपने समय के सभी फाइलों पर हस्ताक्षर किया था और जेम पोर्टल में करोड़ों  रुपये की भी धोखाधड़ी की गई। इसके बाद भी कनिष्ठ सहायक को सीएमओ ने चार्ज दे दिया था,जो वर्तमान समय में सीएमओ कार्यालय में तैनात है।

एक बार फिर सीएमओ ने अपने स्थानांतरण की जानकारी होने पर कनिष्ठ सहायक मनोज सिंह यादव को 17 जुलाई को लेखा अनुभाग के स्टेशनरी प्रकीर्ण एवं यात्रा भत्ता आदि देयको के भुगतान करने का चार्ज दे दिया। जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंच मच गया है।




रिपोर्ट धीरज सिंह

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