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जानें कहां बलिया जिले का देसी चीनी से शुद्ध देसी घीव में इमरती तीन पीढ़ियों से लोगों की पहली पसंद



रसड़ा (बलिया) उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का  रसड़ा तहसील क्षेत्र के टीकादेवरी नगपुरा गांव तीन पीढ़ियों से देसी चीनी उत्पादन करने वाला यह क्षेत्र आज गुमनामी बेरोजगारी के अंधेरे में है। 
बताते चलें कि  टोंस नदी के किनारे बसा यह गांव उन दिनों इमलिया बंदरगाह व आज  नगपुरा घाट के रूप में जाना जाता है। हमेशा गुलजार रहने वाला यह क्षेत्र अब सन्नाटे में है
यहां के कल-कारखानों की बदौलत भरण-पोषण करने वाले अधिकांशतः परिवार  अब नहीं रहे लेकिन आज उनके बच्चे काम के अभाव में  महानगरों की तरफ जाना पड़ता हैं। 



नगपुरा गांव में लगभग 100 साल पहले देसी चीनी के दर्जनों कारखाने थे। नगपुरा की देसी चीनी की एक अलग मिठास कल भी थी और आज डिजिटल युग में भी उसी मिठास के बदौलत इस चीनी की डिमांड है।
यहा प्रतिदिन सैकड़ों बैलगाड़ियों पर लदा गुड़ नगपुरा बाजार में कई जनपदों से आता था। जिससे यहां बड़ी रौनक रहती थी। उस दौरान यहां से देसी चीनी, आयातित वस्त्र, चावल व मसालों की खरीदारी के लिए सैकड़ों व्यापारी डेरा डाले रहते थे। देसी चीनी के कारखानों में सैकड़ों मजदूर काम करते थे।  आधुनिकता की दौर व सरकारी तंत्र की उपेक्षा ने इस उद्योग को चौपट करके रख दिया। आज इस क्षेत्र में सिर्फ एक कारखाना बचा है जिसमें निर्मित देसी चीनी आज भी जौनपुर में बेनी राम, देवी प्रसाद का मशहूर इमरती दुकान पर जाती है।



नगपुरा ग्राम में वर्तमान में देसी चीनी का कारखाना चलाने वाले एक मात्र राकेश  गुप्ता , राजेश गुप्ता,रमेश गुप्ता तीनों भाइयों के अनुसार इस गांव मे जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यह कुटीर उद्योग एक सपना बन गया। जौनपुर के बेनी राम देवी प्रसाद का परिवार  हमारे लिए वैश्विक महामारी कोरोना काल में हमारे लिए भगवान है उन्हीं के एडवांस भुगतान के चलते  देसी चीनी बनाने का आर्डर दिया जाता है जिससे हमलोगो का परिवार चल रहा है। पांच किलो गुड़ से मात्र एक किलो देसी चीनी तैयार होती  है। तब आसानी से देसी गुड़ मिल जाता था मगर अपने तरफ़ चीनी मिल बंद होने से इलाके के लोग अब नहीं बोते हैं ईख इसके वज़ह से कुशीनगर से गुड़ लाना पड़ता है ।चार महीने ही काम चलता है बाकी महिने बेरोजगारी रहतीं हैं।
सबका साथ, सबका विकास के दहत सरकार हमलोगो पर भी ध्यान देती तो परम्परागत विधि बरकरार रखा जाता ।
हालांकि की अखण्ड भारत न्यूज़ संवाददाता के दोस्त जौनपुर जिले के जो इन दिनों बलिया जिले में प्रभारी निरीक्षक है उन्होंने बताया कि जैनपुर में पहली पसंद हैं यह मिठाई।


रिपोर्ट : पिन्टू सिंह

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