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जाने कहां जान जोखिम डाल पुल पार करते है ग्रामीण




रतसर (बलिया) विकास खण्ड गड़वार के ग्राम पंचायत बाराबांध को नजदीकी दर्जनों गांवों से जोड़ने वाला मार्ग व इसपर बना पुलियाअत्यन्त जर्जर हो चुका है इसके कारण आने जाने वाले राहगीरों एवं ग्रामीणों को हमेशा जान जोखिम डालकर उस मार्ग से गुजरना पड़ रहा है।पुलिया का निर्माण 1952 में व्यापक योजना के तहत तत्कालीन प्रधान दुखी पाण्डेय द्वारा ग्राम सभा के बजट एवं ग्रामीणों के श्रमदान के तहत  कराया गया है। तब से लेकर आज तक मरम्मत न होने के कारण वह पुरी तरह से जर्जर हो गया है। तीन हजार की आबादी वाले  इस गांव को जिला मुख्यालय व अन्य गांवों से जोड़ने वाला यह एक मात्र रास्ता है ।इस मार्ग से प्रतिदिन हजारों लोगों का  आना जाना लगा रहता है। क्षेत्र के जनऊपुर, मसहां, अरईपुर, तपनी, नूरपुर, एकडेरवा, सिकटौटी सहित दर्जनों गांव के लोग भी ब्लाक मुख्यालय जाने के लिए  इस पुलिया से  रोज गुजरते   है। सात दशक पूर्व बनी इस पुलिया में  अब जगह-जगह दरार पड़ चुके है तथा प्लास्टर भी पुरी तरह से उखड़ चुका है। इस पुलिया से होकर गुजरते वक्त इससे दो पहिया वाहन और ट्रैक्टर ट्राली पलटने का खतरा बना रहता है। दोनो तरफ से ताल से घिरा होने कारण उंचाई पर बनी पुलिया से कब कोई हादसा हो जाए इस कारण लोग गुजरते समय जान जोखिम डालकर उस रास्ते से गुजरने को मजबूर है। काग्रेंस नेता एवं समाजसेवी कन्हैया पाण्डेय ने बताया कि कई बार इस सड़क एवं पुलिया निर्माण के लिए शासन-प्रशासन को लिखित सूचना के बावजुद आज तक निर्माण कार्य न होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।



रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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